वाशिंगटन। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के दुनियाभर में तेजी से बढ़ते मामलों के बीच अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन को लेकर बड़ा बयान दिया है। अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के एक सलाहकार पैनल ने गुरुवार को कहा कि फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना के टीके उपलब्ध होने पर लोगों को जॉनसन एंड जॉनसन की कोविड-19 वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।
अमेरिका में 54 लोग थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम से पीड़ित
टीकाकरण सलाहकार समिति ने जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन से जुड़े दुर्लभ लेकिन संभावित रूप से जानलेवा रक्त के थक्कों के जोखिम को लेकर खाद्य और औषधि प्रशासन के एक अपडेट के बाद सीडीसी पैनल की बैठक बुलाई थी। अमेरिका में अब तक कम से कम 54 लोग, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं, वैक्सीन लेने के बाद रक्त के थक्के बनने की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती हुए हैं। साथ ही इससे नौ लोगों की मौत हुई है।
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) के साथ थ्रोम्बोसिस के मामले पहले जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन लेने वालों में दर्ज किए गए हैं। जिसमें प्लेटलेट्स के निम्न स्तर के साथ रक्त के थक्के शामिल होते हैं। उच्चतम रिपोर्टिंग दर 50 से कम उम्र की महिलाओं में हैं। सीडीसी ने कहा कि महिलाओं और पुरुषों दोनों में ऐसी घटनाओं की दर पहले के अनुमान से अधिक है।
टीकाकरण पर सीडीसी की सलाहकार समिति ने सिफारिश करने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया। हालांकि नियामक को अभी गाइडलाइंस पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता है। पैनल के सदस्यों ने यह भी कहा कि जॉनसन एंड जॉनसन का टीका अन्य दो अधिकृत टीकों की तुलना में कोविड-19 को रोकने में कम प्रभावी है।
जॉनसन एंड जॉनसन के वैज्ञानिक ने दी सफाई
सलाहकार समिति के सामने एक प्रेजेंटेशन में जॉनसन एंड जॉनसन के एक प्रमुख वैज्ञानिक ने कहा कि जॉनसन एंड जॉनसन का टीका सिर्फ एक खुराक लेने के साथ ही एक मजबूत और लंबे समय तक चलने वाली प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है।
जॉनसन एंड जॉनसन के डॉ. पेनी हीटन ने प्रेजेंटेशन में कहा कि “ऐसी परिस्थितियों में जहां कई लोग दूसरी खुराक या बूस्टर के लिए वापस नहीं आते हैं, एक प्राथमिक खुराक के रूप में सिंगल शॉट जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन का स्थायित्व अमेरिका और दुनिया भर में लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।”
उन्होंने बताया कि “जॉनसन एंड जॉनसन का टीका प्राप्तकर्ताओं में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए एडिनोवायरस के संशोधित संस्करण पर आधारित तकनीक का उपयोग करता है, जबकि अन्य दो अधिकृत टीके मैसेंजर आरएनए तकनीक का उपयोग करते हैं।’
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