इंदौर। नेहरू स्टेडियम में बनाए स्ट्रॉन्ग रूम की 24 ही घंटे कड़ी सुरक्षा की जा रही है, तो उसके सामने सीसीटीवी कैमरे और बड़ी स्क्रीन भी लगा दी और साथ ही टेंट-तंबू तनवाकर बिस्तर-कुर्सियों के साथ पीने के पानी की भी व्यवस्था करवाई गई, ताकि उम्मीदवारों के प्रतिनिधि यहां बैठ या रात को सो सकें। हालांकि एक भी प्रतिनिधि रात में नहीं सो रहा है। दिन में बस चक्कर लगाकर चले जाते हैं। विधायक संजय शुक्ला ने भी कलेक्टर को शिकायत की कि उनके प्रतिनिधियों को स्ट्रॉन्ग रूम निगरानी की अनुमति नहीं दी जा रही है, जिस पर कलेक्टर ने संबंधित एसडीएम को फटकार भी लगाई और फिर ताबड़तोड़ शुक्ला के कार्यकर्ताओं को अनुमति दी गई।
कांग्रेस सहित विपक्षी दलों को जहां ईवीएम पर भरोसा नहीं रहता, वहीं उन्हें यह भी अंदेशा रहता है कि मतदान पश्चात स्ट्रॉन्ग रूम में रखी मशीनों को कहीं बदल ना दिया जाए। हालांकि ऐसा संभव है नहीं और फिर भी स्ट्रॉन्ग रूम की कड़ी सुरक्षा आयोग के निर्देश पर कलेक्टर द्वारा कराई जा रही है। कल संजय शुक्ला, जो कि विधानसभा-1 से कांग्रेस के उम्मीदवार भी हैं, उन्होंने आरोप लगाए कि मतगणना स्थल पर ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम पर निगरानी के लिए उनके कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जो अनुमति मांगी गई थी वह जिला निर्वाचन कार्यालय ने अभी तक नहीं दी, जो कि प्रशासन का तानाशाही और असहयोगात्मक रवैया है।
सोशल मीडिया पर जैसे ही संजय शुक्ला की यह शिकायत वायरल हुई उसके बाद कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. इलैयाराजा टी को यह मामला पता लगा तो उन्होंने एसडीएम ओमनारायण बडक़ुल को फटाकर भी लगाई, जिसके बाद तुरंत अनुमति जारी हो गई। हालांकि कलेक्टर ने स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर सीसीटीवी कैमरों को देखने के लिए बड़ी स्क्रीन भी लगवा दी और टेंट के साथ दो-तीन जोड़ी बिस्तर, कुर्सियों और पीने के पानी की व्यवस्था करवाई है, ताकि उम्मीदवारों के प्रतिनिधि 24 ही घंटे स्ट्रॉन्ग रूम के सामने बैठकर और रात को सोकर भी निगरानी कर सकें, लेकिन किसी भी उम्मीदवार के प्रतिनिधि रात को सोते नजर नहीं आए। अलबत्ता दिन में दो-तीन बार देखकर चले जाते हैं। वहां एक रजिस्टर भी रखा है, जिसमें प्रतिनिधियों को हस्ताक्षर करना पड़ते हैं। उल्लेखनीय है कि विधानसभा-1 का चुनाव सबसे चर्चित रहा, जहां भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और मौजूदा विधायक संजय शुक्ला के बीच मुकाबला है। सबसे अधिक विवाद और शिकायतें भी इसी क्षेत्र से मिली और सबसे महंगा चुनाव भी सभी 9 विधानसभा सीटों की तुलना में विधानसभा-1 का ही लड़ा गया। अब 3 दिसम्बर को चुनाव परिणामों पर अन्य सीटों के साथ-साथ इस सीट पर भी सबकी निगाहें टिकी हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved