नई दिल्ली। गूगल (Google ) ने भारतीय बाजार में गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम (google play billing system) पर फिलहाल रोक लगा दी है जो कि गूगल की इन एप परचेज सर्विस है। गूगल का यह फैसला (भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा गूगल पर लगे जुर्माने के बाद आया है। गूगल के सपोर्ट पेज पर भी प्ले बिलिंग को बंद करने की जानकारी दी गई है।
गूगल इंडिया (google india) के सपोर्ट पेज पर लिखा है, “सीसीआई के हालिया फैसले के बाद, हम डेवलपर्स के लिए भारत में उपयोगकर्ताओं द्वारा लेनदेन के लिए डिजिटल सामान और सेवाओं की खरीद के लिए Google Play की बिलिंग प्रणाली को रोक रहे हैं, जबकि हम अपने कानूनी विकल्पों की समीक्षा करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि हम एंड्रॉयड और प्ले में निवेश करना जारी रखेंगे।”
यहां गौर करने वाली बात यह है कि गूगल ने भले ही प्ले बिलिंग को बंद कर दिया है लेकिन गूगल प्ले बिलिंग के लिए आवेदन अभी भी लिए जा रहे हैं। इसका मतलब यह हुआ कि भारतीय डेवलपर्स अभी भी अपने यूजर्स को इन-एप परचेज की सुविधा दे सकते हैं।
वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्ले बिलिंग सिस्टम को लेकर भारतीय डेवलपर्स (Indian Developers) और गूगल के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। गूगल पर आरोप है कि उसकी बिलिंग पॉलिसी ठीक नहीं है। कुछ दिन पहले ही गूगल पर सीसीआई ने दो फाइन लगाएं हैं जिनमें एक 936.44 करोड़ का और दूसरा 1,338 करोड़ रुपये का है।
क्या है गूगल प्ले-बिलिंग सिस्टम?
Google Play बिलिंग सिस्टम गूगल उन डेवलपर्स के लिए एक जरूरी प्रक्रिया है जिनके एप में डिजिटल कंटेंट के खरीदने की सुविधा होती है। एपल के एप-स्टोर पर भी इसी तरह की सुविधा है। गूगल और एपल दोनों डेवलपर्स से सभी तरह के डिजिटल कंटेंट की बिक्री पर 15-30 फीसदी का कमीशन लेते हैं।
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