नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने एक ऐसे मामले की दिग्गज Google के खिलाफ जांच का आदेश दिया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि Google द्वारा भारत के टेलीविजन बाजार में दुरुपयोग किया जा रहा है। खबरों के अनुसार भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग Competition Commission of India (CCI) ने शुक्रवार को गूगल और इसकी मूल कंपनी अल्फाबेट के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए। बताया जा रहा है कि यह आदेश देशभर के समाचार प्रकाशकों की शिकायत के अध्ययन के बाद आयोग दिया गया है। आदेश में सीसीआई ने कहा कि गूगल का ऑनलाइन सर्च पर एकाधिकार है, लिहाजा इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि गूगल ने समाचार प्रकाशकों पर अनुचित शर्तें थोपी हों। शिकायतकर्ता, डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (DNPA) का दावा है कि गूगल की तरफ से उन्हें उचित विज्ञापन राजस्व से वंचित किया गया है।
वहीं सीसीआई का कहना है कि लोकतंत्र को सुचारू बनाए रखने में मीडिया की भूमिका अहम है, किन्तु गूगल समाचार एकत्रीकरण सेवा के बाजार में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए ताकतवर स्थिति का उपयोग कर रहा है और इसका खामियाजा समाचार पत्रों को भुगतना पड़ रहा है।
आयोग ने शिकायत में रखे गए तथ्यों के आधार पर शुरुआती तौर पर माना है कि गूगल के खिलाफ नियमों के उल्लंघन का मामला बनता है। इसके अधार पर आयोग ने महानिदेशक को धारा 26(1) के तहत जांच शुरू करने का आदेश दिया है। अगर सीसीआई की धारा 19 के तहत केंद्र, राज्य सरकार या किसी अन्य की शिकायत पर या स्वतः संज्ञान लेकर आयोग की किसी मामले में राय यह होती है कि एक प्रथम दृष्टया मामला मौजूद है, तो महानिदेशक धार 26(1) के तहत जांच का आदेश दिया जाता है।
डीएनपीए ने शिकायत में कहा कि इंटरनेट पर जब उनके कंटेंट को खोजा जाता है, तो 50 फीसदी से ज्यादा लोग इसके लिए गूगल का इस्तेमाल करते हैं। गूगल एल्गोरिदम के जरिये यह तय करता है कि किसी खबर या जानकारी को खोजने पर कौन सी वेबसाइट पहले सामने आएंगी। इसके अलावा उनकी वेबसाइट पर मिलने वाले विज्ञापन के राजस्व में से बड़ा हिस्सा गूगल अपने पास रख लेता है, जबकि विज्ञापनदाता का उद्देश्य कंटेट के स्वामित्व वाली वेबसाइट के जरिये अपना प्रचार करना होता है। इस तरह से गूगल सीसीआई अधिनियम की धारा 4 के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन करता है।
बता दें कि देशभर के समाचार प्रकाशक लंबे समय से मोटे तौर पर विज्ञापन की आय पर निर्भर हैं। डिजिटल होती अर्थव्यवस्था के दौर में पारंपरिक विज्ञापन की हिस्सेदारी घट रही है, जबकि समाचार प्रकाशकों को डिजिटलीकरण पर अधिक खर्च करना पड़ रहा है। बीते तीन वर्ष में विज्ञापन क्षेत्र में डिजिटल विज्ञापन की हिस्सेदारी 19 फीसदी से बढ़कर 31 फीसदी पहुंच गई है। समाचार प्रकाशक डिजिटल विज्ञापन के लिहाज से पूरी तरह गूगल पर निर्भर हैं। लेकिन, गूगल मनमाने तरीके से विज्ञापन राजस्व का बंटवारा करता है।