नई दिल्ली। भारत कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर झेल रहा है। अब हर दिन डेढ़ लाख के पार केस आ रहे हैं। इस महामारी में CBSE बोर्ड की परीक्षाएं कराए जाएं या नहीं, इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के साथ अहम बैठक की। अब थोड़ी देर में शिक्षा मंत्री निशंक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। जानकारी मिल रही है कि सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं को आगे बढ़ाया जा सकता है।
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार भारत सरकार के सूत्र ने यह जानकारी दी। वहीं कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि के मद्देनजर 10वीं और 12वीं कक्षाओं की आगामी बोर्ड परीक्षाओं को रद्द किए जाने की मांग तेज होने के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने मंगलवार को कहा कि उसने इस संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं किया है।
CBSE के अधिकारियों ने ‘अभी तक’ की योजना में किसी भी तरह के बदलाव से इनकार किया और जोर दिया कि परीक्षा केंद्रों में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि कर सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने की व्यवस्था की जा रही है। परीक्षाएं चार मई से शुरू होने वाली हैं।
बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि परीक्षाएं रद्द नहीं की जा सकतीं क्योंकि इनकी प्रकृति महत्वपूर्ण हैं और इन्हें ऑनलाइन आयोजित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि बोर्ड कोविड संबंधी दिशानिर्देशों के अनुसार सभी आवश्यक उपाय कर रहा है तथा परीक्षा केंद्रों की संख्या में भी वृद्धि की गई है।
समाचार एजेंसी PTI के अनुसार हालांकि सूत्रों ने संकेत दिया कि यदि स्थिति बिगड़ती है तो बोर्ड परीक्षा को स्थगित करने पर विचार कर सकता है। हालांकि अधिकारी ने कहा, ‘अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है’।
बोर्ड ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि यदि कोई छात्र या उसके परिवार को कोई सदस्य वायरस से संक्रमित हो जाता है और छात्र प्रायोगिक परीक्षा में शामिल नहीं हो पाता है तो स्कूल उनके लिए उचित समय पर फिर से परीक्षा का आयोजन करेगा। हालांकि CBSE अधिकारी ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की कि क्या छात्रों को थ्योरी परीक्षा में भी ऐसी छूट दी जाएगी।
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