भोपाल: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बाद अब मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में भी सीबीआई को जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी. मध्यप्रदेश के गृह विभाग Home Department of Madhya Pradesh() ने इस संबंध में गजट नोटिफिकेशन जारी किया है. यह नोटिफिकेशन 1 जुलाई से ही प्रभावी माना जाएगा. नोटिफिकेशन के मुताबिक, केंद्रीय जांच एजेंसियों को जांच के लिए अनुमति लेनी होगी. सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के अपराधिक मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति जरूरी होगी. बिना लिखित अनुमति के बिना जांच नहीं होगी. दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम की धारा 3 की शक्तियों का राज्य सरकार ने उपयोग किया है.
गृह विभाग ने अपने आदेश में लिखा, ‘मध्य प्रदेश शासन, केन्द्र सरकार, केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों द्वारा किए गए (चाहे वे अलग से काम कर रहे हों,या केन्द्र सरकार या फिर केन्द्र सरकार के उपक्रमों के कर्मचारियों के साथ मिलकर) समय-समय पर यथासंशोधित दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 की धारा 3 के अधीन अधिसूचित अपराधों या अपराधों की श्रेणियों की जांच के लिए संपूर्ण मध्य प्रदेश राज्य में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना के सदस्यों की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र के विस्तार के लिए अपनी सहमति प्रदान करता है. इसलिए इस अधिनियम की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लेते हुए, शासन द्वारा नियंत्रित लोकसेवकों से संबंधित मामलों में ऐसी कोई जांच राज्य सरकार की पूर्व लिखित अनुमति के बिना नहीं की जाएगी. किन्हीं भी अपराधों के लिए पिछली सभी सामान्य सहमति और राज्य सरकार द्वारा किसी अन्य अपराध के लिए मामले -दर-मामले के आधार पर दी गई सहमति भी लागू रहेगी. यह नोटिफिकेशन 1 जुलाई से प्रभावी समझा जाएगा.’
सीबीआई को राज्यों में जांच शुरू करने से पहले धारा 6 के तहत राज्य सरकार से इजाजत लेना जरूरी है. पश्चिम बंगाल सरकार ने 16 नवंबर, 2018 को सीबीआई को मिली पूर्व सहमति वापस ले ली थी. पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है. सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान कहा था कि सीबीआई को जांच के लिए राज्य सरकार की सहमति जरूरी है. पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका को सुनवाई योग्य माना और अगली 13 अगस्त को होगी.
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