सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने सीबीआई से परीक्षा के आयोजन और “बड़ी साजिश” से जुड़े लोक सेवकों की भूमिका की जांच करने को कहा है. सीबीआई ने मामले को अपने हाथ में तब लिया, जब सरकार ने पेपर लीक की संभावना को खारिज कर दिया था और घोषणा की कि जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंप दी जाएगी.
नीट-यूजी 2024 के नतीजे 4 जून को घोषित होने के बाद धोखाधड़ी और अन्य कदाचार सहित अनियमितताओं के आरोप लगे थे. तब से पूरे देश में छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है, जिसे विपक्ष ने और बढ़ा दिया है और यह मामला एक बड़े राजनीतिक विवाद में बदल गया है.
छात्र मांग कर रहे हैं कि परीक्षा सभी के लिए फिर से हो. प्रारंभिक परीक्षा 5 मई को हुई थी. इसमें 24 लाख छात्रों ने भाग लिया था.जब परिणाम घोषित किए गए, तो पाया गया कि 67 छात्रों ने अभूतपूर्व 720/720 अंक प्राप्त किए. 500 से अधिक छात्रों को ग्रेस मार्क्स मिले. परिणाम अस्वाभाविक रूप से उच्च कट-ऑफ प्रतिशत था, जिसने किसी भी कॉलेज में बर्थ पाने को लेकर छात्रों के बीच आशंका की लहर पैदा कर दी.
बिहार में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने, पुलिस ने कहा, लीक की बात स्वीकार की. उनमें से एक, परीक्षा देने वाले छात्र ने कहा कि उसे परीक्षा से एक रात पहले पेपर दिए गए थे. परीक्षा आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी या एनटीए के प्रमुख को बर्खास्त कर दिया गया है.
यूजीसी-नेट मामले की जांच में जब्त 9 मोबाइल फोन के टेलीग्राम एप का डेटा डिलीट किया गया. पेपर लीक की बर आने के बाद जब NET का एग्जाम कैंसिल हुआ, उसके बाद जब्त कुल 9 मोबाइल फोन से डेटा डिलीट पाया गया. डेटा रिट्रीव करने के लिए सीएफएसएल की मदद ली जा रही है.
आज कुशीनगर के जिस छात्र निखिल को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया था. उससे 6 घंटे पूछताछ करने के बाद उसको छोड़ा गया, दोबारा बुलाया जा सकता है. पेपर डार्क नेट के रिए बेचा जा रहा था. उसकी पुष्टि हुई है.