नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (central bureau of investigation- CBI) ने सोमवार को एक विशेष अदालत (special court) को बताया कि आईसीआईसीआई बैंक (CICI Bank) की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर (Chanda Kochar) ने निजी इस्तेमाल के लिए बैंक के धन का दुरुपयोग किया। सीईओ चंदा कोचर ने पारिश्रमिक के अलावा 64 करोड़ रुपये की रिश्वत (bribe of Rs 64 crore) ली। विशेष अदालत में CBI की तरफ से पेश विशेष लोक अभियोजक ए लिमोसिन ने वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण स्वीकृत करने में धोखाधड़ी और अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और अन्य के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया।
सीबीआई ने अदालत को बताया कि मई 2009 और जनवरी 2019 के बीच आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) चंदा कोचर को बैंक के कोष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सीबीआई ने दलील दी कि वह भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों और आईसीआईसीआई बैंक की ऋण नीतियों के अनुसार इस तरह की जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए उत्तरदायी थीं।
आपराधिक साजिश के तहत 300 करोड़ रुपये का टर्म
सीबीआई ने कहा कि उन्होंने अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ वीडियोकॉन समूह की कंपनियों के पक्ष में क्रेडिट सुविधाएं स्वीकृत करने या प्राप्त करने की साजिश रची। आपराधिक साजिश के तहत वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये का टर्म लोन अगस्त 2009 में चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली निदेशकों की समिति द्वारा स्वीकृत किया गया था।
बैंक के कोष का दुरुपयोग
सीबीआई ने दलील दी कि चंदा कोचर ने कानूनी पारिश्रमिक के अलावा 64 करोड़ रुपये की रिश्वत प्राप्त की और इस प्रकार, अपने स्वयं के इस्तेमाल के लिए बैंक के कोष का दुरुपयोग किया। मामले में कोचर दंपत्ति को पिछले साल दिसंबर में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। बाद में, बंबई उच्च न्यायालय ने दंपति को अंतरिम जमानत दे दी थी।
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