फराज़ शेख, भोपाल
राजधानी के रातीबड़ (Raatibadh) स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (Delhi Public School) की आठ साल की मासूम छात्रा की संदिग्ध मौत की गुत्थी मप्र पुलिस (MP Police) की एसआईटी (SIT) ढाई साल बाद भी नहीं सुलझा सकी है। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child) के निर्देश पर एम्स (AIIMS) के विशेषज्ञों की टीम ने मौत से पहले बच्ची द्वारा बनाए गई ड्राइंग एवं पीएम रिपोर्ट (PM Report) के आधार पर सैक्सुअल एब्यूज (Sexual Abuse) की संभावना जताई है। एम्स (AIIMS) की रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट (High Court) ने 22 जून को सीबीआई (CBI) जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही एसएसआई (SSI) से मौजूदा पुलिस अफसरों को हटाने को कहा है।
अगले महीने 19 जुलाई को होने वाली सुनवाई से पहले एसआईटी(SIT) को केस सीबीआई (CBI) को सांैंपने के आदेश दिए हैं। जानकारी के अनुसार 8 साल की मासूम अवधपुरी थान क्षेत्र में रहती थी। 4 जनवरी 2019 को हर रोज़ की तरह स्कूल बस ने उसे अवधपुरी (Awadhpuri) स्थित स्टॉप पर ड्राप किया। यहां से उसकी मां स्कूटी से घर के लिए रवाना हुईं। रास्ते में बच्ची के बेहोश होने का एहसास होने पर मां ने गाड़ी रोकी। तभी बच्ची की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई। उसे तत्काल पालीवाल अस्पताल (Paliwal Hospital) पहुंचाया गया। जहां डाक्टरों (Doctors) ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मर्ग कायम किया। पोस्टमार्टम (Post Mortem) के बाद बॉडी अगले दिन परिजनों को सौंपी। पीएम रिपोर्ट में बच्ची के पेट में आर्गेनिक पायजन (Organic Food) होने का खुलासा हुआ। बिसरा परीक्षण में भी इसी की पुष्टी की गई।
वहीं बच्ची के परिजनों ने गलत काम के बाद जहर देकर हत्या करने का संदेह जताया। जिसके बाद में मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी ने भी अवधपुरी थाना पुलिस की जांच पर मुहर लगाई। परिजनों ने पुलिस पर लीपा पोती के आरोप लगाते हुए नेशनल चाइल्ड प्रोटेक्शन कमीशन का दरबाजा खटखटाया। कमीशन ने एम्स को जांच सौंपी।
मौत से पहले किया सैक्सुअल एब्यूज!
नेशनल चाइल्ड प्रोटेक्शन कमीशन में पूरे मामले की सुनवाई की गई। मौत से पहले स्कूल में बच्ची ने कुछ पेन्टिंग बनाई थीं। जिसे मां-पिता ने कमीशन को सौंपा, पेन्टिंग की एक्सपर्ट जांच एम्स दिल्ली के विशेषज्ञों ने की। जिससे यह पता लगाया जा सके कि बच्ची के दिमाग में मौत के पूर्व क्या चल रहा था। विशेषज्ञों ने रिपोर्ट में लिखा कि मौत के पूर्व बच्ची को सैक्सुअल एब्यूज किया गया था। परिजनों के आरोप है कि स्कूल प्रबंधन के दबाव में अब तक उचित कार्रवाई नहीं की गई। स्कूल में गलत काम के बाद बच्ची को जहर दिया गया था।
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