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पेपर लीक मामले में और भी आरोपियों को खोजने में लगी CBI, जांच में कई कडि़यों का खुलासा

नई दिल्‍ली(New Delhi) । नीट मामले (Neat Affairs)में जांच के लिए बनाई गई सीबीआई की स्पेशल टीम (CBI special team)ने एफआईआर दर्ज (FIR registered)होते ही मामले से जुड़े पेपर खंगालने शुरू कर दिए हैं। सीबीआई की टीम(The CBI team) इस मामले में बिहार से लेकर अन्य स्थानों पर पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों में शामिल तथाकथित बड़ी मछलियों की पड़ताल करेगी। जांच एजेंसी को शिक्षा मंत्रालय की तरफ से बहुत स्पष्ट तरीके से अनुरोध किया गया है कि इस मामले की बहुत गहनता से जांच करके सभी कड़ियों को खोलने का प्रयास करें।

हालांकि, अभी तक मंत्रालय मानकर चल रहा है कि पेपर लीक का मामला स्थानीय स्तर पर है और ये बिहार की सीमा के अंदर चुनिंदा केंद्रों तक सीमित है। इस मामले में पटना के विभिन्न केंद्रों में परीक्षा देने वाले 17 छात्रों को डिबार करने का नोटिस भी दे दिया गया है। लेकिन शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि सीबीआई जांच इसलिए जरूरी है, जिससे किसी भी तरह गड़बड़ी को लेकर कोई शंका नहीं रह जाए।


कई स्तर पर उठाए जाएं सुधार के कदम

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के निर्देश पर शिक्षा मंत्रालय द्वारा कई स्तरों पर सुधारात्मक कदम उठाने को कहा गया है। मंत्रालय का मानना है कि पहला कदम यह है कि जांच एजेंसियां अपना काम स्वतंत्रता से करें और वे आपराधिक पहलुओं को खंगालेंगी। दूसरा मसला प्रशासनिक स्तर पर सुधार का है, जिसकी वजह से डीजी सुबोध कुमार सिंह को हटाया गया।

माना जा रहा है कि सुबोध सिंह मामले को सही तरीके से डील नहीं करने और अनावश्यक रूप से ग्रेस मार्क परंपरा शुरू करने की वजह से कार्रवाई का शिकार हुए। उनपर जांच एजेंसियों को सहयोग नहीं करने और तथ्यों को छिपाने का भी आरोप है।

सीबीआई सूत्रों का कहना है कि बिहार से लेकर गुजरात के गोधरा तक की एफआईआर को खंगालने के बाद जरूरी होने पर जांच एजेंसी एनटीए के अफसरों से भी पूछताछ करेगी। तीसरा कदम एनटीए में आंतरिक स्तर पर सुधार और परीक्षा प्रक्रिया में सुधार को लेकर है, जिसका जिम्मा उच्च स्तरीय समिति को दिया गया है। वहीं चौथी अहम कवायद भविष्य में परीक्षाओं को पूरी तरह से गड़बड़ी मुक्त बनाने की है और कानून की सख्ती के अलावा अन्य सख्त कदम केंद्रों के चयन से लेकर परीक्षा की निगरानी तक के लिए उठाए जाने हैं। यह काम तेज होना है, क्योंकि कई लंबित परीक्षाओं को जल्द दोबारा कराना है।

राजनीतिक स्तर पर भी देंगे जवाब

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान संसद सत्र के दौरान भी नीट मामले में विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं। सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय सुधारों की वजह से फायदे को भी सामने रखेगा। सूत्रों का कहना है कि इस बार देश के करीब 4500 केंद्रों से एक लाख बच्चे मेरिट क्रम में आये हैं। मंत्रालय का मानना है कि सुधारों की वजह से सफल होने वाले बच्चे अलग-अलग पृष्ठभूमि से आ रहे हैं ।

परीक्षा रद्द करने का मामला सुप्रीम कोर्ट पर

शिक्षा मंत्रालय नीट एग्जाम रद्द करने के पक्ष में नहीं है। सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सब कुछ निर्भर करता है। मंत्रालय का मानना है कि अगर गड़बड़ी सीमित इलाकों में है तो लाखों मेरिट के छात्रों का ख्याल रखना भी सरकार की जिम्मेदारी है।

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