नई दिल्ली (New Delhi) । इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के रिटायर्ड जस्टिस एसएन शुक्ला (Justice SN Shukla) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं, बल्कि और बढ़ती जा रहीं हैं। अब उन पर आय से अधिक संपत्ति (disproportionate assets) का केस दर्ज कर लिया गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एसएन शुक्ला और उनके परिजनों के खिलाफ सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया है। नई दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय की एंटी करप्शन यूनिट-टू शाखा ने एसएन शुक्ला के अलावा उनकी दूसरी पत्नी शुचिता तिवारी और पहली पत्नी केश कुमारी के भाई साईदीन तिवारी को नामजद किया है।
विदित हो कि सीबीआई ने करीब तीन वर्ष पूर्व भी एसएन शुक्ला के खिलाफ केस दर्ज किया था। साथ ही, एसएन शुक्ला के साथ शुचिता तिवारी और साईदीन तिवारी के ठिकानों पर छापा मारकर कई अहम सुबूत एकत्र किए थे। इसकी जांच के दौरान उनके परिजनों के नाम आय से अधिक संपत्तियां होने के प्रमाण मिलने के बाद एक और नया केस दर्ज किया गया है।
दरअसल, जांच में पता चला कि शुचिता तिवारी वर्ष 2014-15 में जब एसएन शुक्ला के संपर्क में आई थीं तो उनके पास कोई चल-अचल संपत्ति नहीं थी। सीबीआई के छापे में लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी स्थित आवास से उनके और एसएन शुक्ला के नाम से 18 लाख रुपये की एफडीआर मिली थी।
सीबीआई के मुताबिक यह रकम एसएन शुक्ला ने अवैध तरीके से अर्जित धन से अर्जित की थी। वहीं अमेठी के शिवशक्ति धाम ट्रस्ट से एसएन शुक्ला को शुचिता तिवारी के खर्चों के लिए धनराशि भेजने केप्रमाण मिले है। एसएन शुक्ला के मोबाइल की छानबीन के बाद आशंका जताई जा रही है कि उन्होंने शुचिता तिवारी और साईदीन तिवारी के साथ मिलकर कई संपत्तियों में भी निवेश किया है। जांच में लखनऊ के हुसैनगंज स्थित स्टेट ऑफ इंडिया की शाखा से दस लाख भेजने के प्रमाण भी मिले हैं जिससे शुचिता तिवारी के नाम से फ्लैट खरीदा गया। शुचिता तिवारी की बेटी के स्कूल के आईकार्ड में पिता का नाम एसएन शुक्ला लिखा पाया गया।
जांच में सामने आया कि शुचिता तिवारी ने अपने पहले पति से हर्जाना पाने के लिए अदालत में दायर याचिका में अपनी आमदनी महज 40 हजार रुपये घोषित की थी। इससे साबित होता है कि इतनी संपत्तियां अर्जित करने की उनकी हैसियत नहीं थी। सीबीआई की जांच में शुचिता तिवारी की अप्रैल, 2014 से दिसंबर 2019 के बीच करीब 1.87 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति अर्जित करने के प्रमाण मिले है।
हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एसएन शुक्ला के संपर्क में आने के बाद शुचिता तिवारी को करोड़पति बनने में वक्त ही नहीं लगा। सीबीआई जांच में पता चला कि अप्रैल 2014 से दिसंबर 2019 के बीच शुचिता तिवारी ने लखनऊ और फैजाबाद में 14 संपत्तियां खरीदीं जिनकी कुल कीमत 1.87 करोड़ रुपये है। इनमें लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में फ्लैट, दुकान, फैजाबाद में एलआईजी मकान और कई कृषि भूमि शामिल हैं। वहीं शुचिता तिवारी के बैंक खातों में 55.16 लाख रुपये जमा मिले। सीबीआई छापे में उनके फ्लैट से सात लाख रुपये के आभूषण, 30 लाख कीमत की दो गाड़ियां और करीब पांच लाख रुपये कीमत का घरेलू सामान पाया गया। जांच में सामने आया कि शुचिता तिवारी फैजाबाद के अद्भुत इंडिया एकेडमिक फाउंडेशन ट्रस्ट और फैजाबाद के एंजेल ग्रुप ऑफ एजूकेशन ट्रेनिंग समाजसेवी संस्थान से बतौर डिप्टी रजिस्ट्रार तनख्वाह भी मिलती थी। दोनों संस्थानों के एसएन शुक्ला के साथ संबंधों की पड़ताल की जा रही है।
तीनों ने आय से 165 प्रतिशत अधिक किया व्यय
एसएन शुक्ला की 2014 में कुल 75.93 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति थी। वहीं दिसंबर, 2019 में उनके पास कुल 1.32 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति होने के प्रमाण मिले। सीबीआई ने जब तीनों आरोपियों की कुल आमदनी और व्यय का परीक्षण किया तो पता चला कि उन्होंने अपनी आमदनी से 165 प्रतिशत अधिक चल-अचल संपत्तियों में निवेश किया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved