गांधीनगर । केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आईडीबीआई सहित पांच बैंकों से (From Five Banks including IDBI) लिए गए 627 करोड़ रुपये के ऋण से जुड़े (Attached to the Rs.627 Crore Loan Taken) धोखाधड़ी के मामले में (In Fraud Case) गुजरात के जयहिंद प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (Against Gujarat’s Jaihind Projects Limited) के खिलाफ केस दर्ज किया (Registered Case) । जेपीएल और उसके निदेशकों चेतन तोलानी और गौरव पी. हिंदुजा के साथ अज्ञात सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
जेपीएल का कार्यालय अहमदाबाद के प्रह्लादनगर गार्डन के पास वीनस अटलांटिस में तीसरी मंजिल पर स्थित है। आईडीबीआई बैंक के महाप्रबंधक राहुल सिन्हा ने 17 मार्च 2022 को दिल्ली सीबीआई के पास शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया कि जेपीएल ने गैस, तेल, पानी और रासायनिक पाइपलाइनों की स्थापना से जुड़ी परियोजनाएं शुरू की हैं।
आईडीबीआई बैंक ने 2 जुलाई 2008 को गुजरात स्टेट पेट्रोनेट लिमिटेड (जीएसपीएल) के अधीनस्थ मोरबी मुंद्रा पाइपलाइन (एमएमपीएल) परियोजना के लिए 65 करोड़ रुपये के ऋण की की मंजूरी दी थी। बैंक ने 19 फरवरी, 2009 को जीएसपीएल के तहत जाफराबाद पाइपलाइन परियोजना के लिए 178.55 करोड़ रुपये की गैर-निधि आधारित (एनएफबी) क्रेडिट सुविधाओं को मंजूरी दी।
अन्य बैंकों, अर्थात भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक और इंडियन बैंक ने भी परियोजना के लिए करोड़ों रुपये का ऋण दिया था। बैंकों द्वारा किए गए फोरेंसिक ऑडिट में पता चला कि जेपीएल के निदेशकों ने कथित रूप से धन का अन्यत्र उपयोग किया था।
कुछ मामलों में भुगतान के दावे किए गए, लेकिन बैंकों और फॉरेंसिक ऑडिटर्स द्वारा मांगे गए दस्तावेज जमा नहीं किए गए। नतीजतन, आईडीबीआई बैंक और चार अन्य बैंकों के कंसोर्टियम ने ऋण राशि का भुगतान नहीं करने के लिए जेपीएल के खाते को एनपीए घोषित कर दिया। मामले की जांच अब भी जारी है।
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