भुवनेश्वर । केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने ओडिशा के बालासोर जिले में (In Balasore District of Odisha) बहानागा रेलवे स्टेशन के पास हुई ट्रेन दुर्घटना (Train Accident Near Bahanaga Railway Station) की जांच शुरू कर दी है (Investigation has Started) । रेलवे बोर्ड ने रविवार को इस दुर्घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की, इसमें मरने वालों की संख्या 278 हो गई है, क्योंकि तीन और घायलों ने दम तोड़ दिया है।
सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम सोमवार शाम बालासोर पहुंची थी और उन्होंने मंगलवार को मामले की जांच शुरू की। एक अधिकारी ने कहा कि सीबीआई के अधिकारी दुर्घटनास्थल, ट्रैक, सिग्नलिंग रूम, कंट्रोल रूम आदि की जांच कर रहे हैं। रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (सीसीआरएस) शैलेश कुमार पाठक ने सोमवार को दुर्घटनास्थल का दौरा किया जहां वह बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के कंट्रोल रूम, सिग्नल रूम और सिग्नल प्वाइंट पर गए।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ), दक्षिण पूर्व रेलवे, आदित्य कुमार चौधरी ने कहा, सीबीआई की टीम यहां दुर्घटना की जांच के लिए आई है। वे अपना काम कर रहे हैं। हम उनकी जांच के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सकते। उनके पास काम करने की एक प्रणाली है। वे मौके से सभी सबूत और विवरण एकत्र करेंगे।
इस बीच, मीडियाकर्मियों से बात करते हुए खुर्दा रोड डिवीजन के डीआरएम रिंकेश रे ने बहानागा स्टेशन की व्यवस्था में ‘छेड़छाड़’ की आशंका जताई। रॉय ने कहा, मेन लाइन पर हरा सिग्नल था। सिग्नल आमतौर पर तब हरा होता है, जब सिग्नल के हरे होने के लिए आवश्यक सभी पूर्व-शर्तें सही होती हैं। यदि कोई भी पूर्व-शर्तें पूरी नहीं होती हैं, तो तकनीकी रूप से सिग्नल कभी भी हरा नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा, जब तक और जब तक कोई शारीरिक रूप से सिग्नल सिस्टम के साथ छेड़छाड़ नहीं करता। लेकिन, डेटा रिकॉर्ड से पता चलता है कि जब कोरोमंडल एक्सप्रेस स्टेशन पर पहुंच रही थी, सिग्नल हरा था, लेकिन ट्रेन लूप लाइन पर चली गई। रॉय का बयान इस भीषण रेल हादसे के पीछे तंत्र की शिथिलता की ओर इशारा करता है। एक अधिकारी ने कहा किदुर्घटना के सही कारण का पता सीबीआई और सीसीआरएस की दोहरी जांच पूरी होने के बाद चलेगा।
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