नई दिल्ली। सीबीआई ने 34,000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के पूर्व सीएमडी कपिल वधावन और 74 अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने यहां विशेष सीबीआई अदालत में दायर अपने आरोपपत्र में तत्कालीन निदेशक धीरज वधावन और पूर्व सीईओ हर्षिल मेहता को भी इस बड़े घोटाले में आरोपी बनाया है।
उन्होंने कहा कि एजेंसी ने जून में डीएचएफएल बैंक धोखाधड़ी मामले में 17 बैंकों के एक संघ को कथित तौर पर 34,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के लिए मामला दर्ज किया था। यह देश का सबसे बड़ा बैंकिंग ऋण धोखाधड़ी का मामला है। आरोप पत्र में एजेंसी ने 18 व्यक्तियों और 57 कंपनियों को सूचीबद्ध किया है, जिनके माध्यम से धन का लेन-देन किया गया था।
जानकारी के मुताबिक, आरोप पत्र में एक अधिवक्ता अजय वजीरानी, व्यवसायी अजय नवंदर, कई चार्टर्ड अकाउंटेंट, डीएचएफएल के पूर्व अधिकारियों और अन्य संबंधित कंपनियों को नामजद किया गया है। सीबीआई ने 17 बैंकों के समूह का नेतृत्व करने वाले यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर वधावन और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 2010 और 2018 के बीच डीएचएफएल को 42,871 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं दी गई थीं।
चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि कपिल और धीरज वधावन ने दूसरों के साथ आपराधिक साजिश में तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया। तथ्यों को छुपाया गया और धोखाधड़ी की गई। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने सार्वजनिक धन का का गलत इस्तेमाल किया।
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