मुंबई। महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए केंद्र सरकार के साथ ‘जनरल कंसेंट’ करार खत्म करने का आधिकरिक पत्र जारी किया है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा यह करार खत्म होने के बाद अब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी सीबीआई को महाराष्ट्र में किसी भी केस की जांच के लिए महाराष्ट्र के गृह विभाग की इजाज़त लेनी होगी। इसके पहले सीबीआई को महाराष्ट्र में आकर बिना इजाज़त केस के जांच करने का अधिकार था।
महाराष्ट्र सरकार के उप सचिव कैलाश गायकवाड़ द्वारा महाराष्ट्र शासन राजपत्र के अंतर्गत आदेश जारी करते हुए लिखा गया है कि, दिल्ली विशेष पुलिस अधिनियम, 1946 के धारा 6 के अनुसार दिए गए अधिकार का उपयोग करते हुए, बिना गृह मंत्रालय से इजाज़त लिए महाराष्ट्र राज्य के कार्यक्षेत्र में आकर अधिकार इस्तेमाल करने का सहमति वापस ले रही है। गौरतलब है कि बीते दिनों राज्य सरकार की जांच और CBI की जांच में टकराव का मुद्दा प्रमुखता से छाया हुआ था।
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी मामला हो या टीआरपी घोटाले की जांच का मामला, महाराष्ट्र सरकार और सीबीआई में खींचतान साफ नजर आ चुकी है। सरकार के फैसले पर भाजपा नेता अतुल भतखलकर ने प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है की सरकार ने बिना स्पष्टीकरण दिए जनरल कंसेंट खत्म कर दिया जिसके तहत सीबीआई बिना राज्य सरकार की अनुमति के महाराष्ट्र में आकर जांच कर सकती थी।
अब राज्य सरकार को सामने आकर जनता को बताना चाहिए की क्यों उसने आम सहमित खत्म किया? महाराष्ट्र इस वक्त प्राकृतिक आपदा की पीड़ा झेल रहा है और प्रदेश को केंद्र की मदद की तत्काल जरूरत है। ऐसे वक्त में महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनाव बढ़ाने का काम किया है। प्रदेश में सीबीआई के घुसने से रोक पर सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। माना जा रहा है कि आज राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख पत्रकारों को संबोधित कर सकते हैं।
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