नई दिल्ली: नेशनल स्टाक एक्सचेंज (NSE) घोटाले से जुड़े को-लोकेशन मामले में सीबीआई ने शनिवार को 10 से ज्यादा शहरों में छापेमारी शुरू की है. इस दौरान एनएसई से जुड़े ब्रोकरों के ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. ये कार्रवाई दिल्ली, मुंबई, गांधीनगर, नोएडा, गुड़गांव और कोलकाता समेत कई शहरों में की जा रही है. समाचार एजेंसी एएनआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि सीबीआई के निशाने पर एक दर्जन से ज्यादा ठिकाने हैं.
CBI इस मामले में एनएसई की पूर्व सीईओ और एमडी चित्रा रामकृष्ण और ग्रुप ऑपरेटंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. को-लोकेशन मामला NSE के कंप्यूटर सर्वर से सूचनाओं को गलत तरीके से शेयर ब्रोकर्स तक पहुंचाने से जुड़ा है. आरोप है कि इन सूचनाओं की बदौलत ब्रोकरों ने मिलीभगत करके मार्केट से अप्रत्याशित लाभ कमाया. CBI इस मामले में दिल्ली के ओपीजी सिक्योरिटीज के मालिक और स्टॉक ब्रोकर संजय गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज कर चुकी है. सीबीआई का कहना है कि इस पूरे मामले में सेबी, एनएसई को मुंबई और अन्य जगहों के कई अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं, जिनकी छानबीन की जा रही है.
सीबीआई ने अप्रैल में चित्रा और सुब्रमण्यम के खिलाफ दायर आरोपपत्र में कहा था कि चित्रा 1 अप्रैल 2013 को एनएसई की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक नियुक्त की गई थीं. चित्रा ही आनंद और उनकी पत्नी सुनीता आनंद को एनएसई में लेकर आई थीं. उन्होंने दोनों के वेतन में बेतहाशा बढ़ोतरी भी की थी. आनंद का वेतन पहले 15 लाख रुपये था, जिसे बढ़ाकर 1.68 करोड़ और बाद में 4.21 करोड़ सालाना कर दिया गया था.
सीबीआई का कहना था कि चित्रा जिस हिमालय के योगी के कहने पर एनएसई के कामकाज में सलाह लिया करती थीं, वो कोई और नहीं बल्कि आनंद सुब्रमण्यम ही थे. मामले का खुलासा होने पर सेबी ने चित्रा पर एनएसई की गोपनीय जानकारियां साझा करने के आरोप में तीन करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था. फिलहाल चित्रा और आनंद दोनों ही तिहाड़ में बंद हैं. चित्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है, जिस पर शुक्रवार को कोर्ट ने सीबीआई से जवाब मांगा है.
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