नई दिल्ली (New Delhi)। सीबीआई (CBI) और एनआईए (NIA) भारत सरकार (Indian government) की दो एजेंसियां हैं, जो भारत और यहां के लोगों की सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिए जिम्मेदार है. CBI भारत की केंद्रीय जांच ब्यूरो (central bureau of investigation) है जबकि NIA भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) है। CBI और NIA के बीच मुख्य अंतर यह है कि CBI भारत की एक एजेंसी है और यह एक आपराधिक जांच निकाय, खुफिया एजेंसी और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के रूप में कार्य करती है, जबकि NIA आतंकवाद को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार द्वारा अनुमोदित एक नई संघीय एजेंसी है।
सीबीआई (Central Bureau of Investigation)
यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि CBI की स्थापना 1963 में एक आदर्श वाक्य, ‘उद्यमिता, निष्पक्षता एवं सत्यनिष्ठा’ के साथ की गई थी. यह जानना महत्वपूर्ण है कि CBI भारत की प्रमुख जांच पुलिस एजेंसी है. चूंकि CBI को भारत में प्रमुख अपराधों की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, इसलिए इसका प्रभाव देश के भीतर राजनीतिक और आर्थिक हलकों में व्यापक रूप से महसूस किया जाता है. जब CBI द्वारा की गई जांच की बात आती है, तो तीन महत्वपूर्ण विभाग होते हैं. इसमें भ्रष्टाचार विरोधी प्रभाग, आर्थिक अपराध प्रभाग और विशेष अपराध प्रभाग शामिल है. कंपनियों से संबंधित फ्रॉड, चीटिंग, गबन और इसी तरह के बड़े मामले जिनमें बड़ी धनराशि शामिल होती है, आम तौर पर CBI द्वारा कई अन्य मामलों के अलावा संभाले जाते हैं।
एनआईए (National Investigation Agency)
NIA की स्थापना 2008 में मुंबई आतंकी हमले के बाद हाल ही में की गई थी. आतंकवाद से लड़ने के लिए एक केंद्रीय एजेंसी की आवश्यकता तब महसूस की गई थी. आवश्यकता के परिणामस्वरूप NIA का गठन हुआ. चूंकि NIA का गठन हाल ही में हुआ है, इसलिए वर्तमान में इसके कार्य निर्धारित किए जा रहे हैं. अभी तक NIA को आतंकवादी अपराधों की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. NIA जांच की जिम्मेदारी तब लेगी, जब उनके सामने कोई नया मामला पेश किया जाएगा. इसकी एक प्रमुख विशेषता यह है कि हिरासत में होने पर किसी भी अभियुक्त को जमानत या स्वयं के मुचलके पर रिहा नहीं किया जा सकता है. यह NIA और उस मामले के लिए किसी अन्य खुफिया एजेंसी के बीच मुख्य अंतर है।
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