नई दिल्ली। देश में इंटरनेट और सोशल मीडिया (Internet and social media) पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child Pornography) के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी (central investigative agency) ने अपनी जांच तेज कर दी है। इसी कड़ी में कार्रवाई करते हुए सीबीआई (CBI) ने शुरुआती जांच में 50 से ज्यादा ग्रुप और 5 हजार से अधिक लोगों के बारे में पता लगाया है जो कि इंटरनेट व सोशल साइट्स (internet and social sites) पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी सामग्री (Child pornography related material) शेयर करते हैं। इनमें कई विदेशी नागरिक भी शामिल हैं और करीब 100 देशों के मोबाइल नंबर मिले हैं। सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि, जांच एजेंसी सोशल मीडिया वेबसाइट्स और होस्टिंग प्लेटफॉर्म के साथ इस मामले को उठाने की योजना बना रही है ताकि कानूनी रूप से इनकी भूमिका और दायित्वों की जांच की जा सके।
इस मामले में देशभर में कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने मंगलवार को करीब 14 राज्यों की 77 लोकेशन पर दबिश दी और इंटरनेट पर कथित रूप से चाइल्ड पोर्नोग्राफी कंटेट पोस्ट वाले 10 आरोपियों को हिरासत में लिया है। इन राज्यों में आंध्रा प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं। सीबीआई ने बच्चों के यौन शोषण (Sexual abuse of children) को लेकर 23 अलग-अलग मामलों में 83 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। ये सभी आरोपी वेबपेज पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट और सर्कुलेट करते हैं।
50 ग्रुप में 5 हजार से ज्यादा अपराधी शामिल
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित कंटेट सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले 50 ग्रुप में 5 हजार से ज्यादा अपराधी शामिल हैं। इनमें पाकिस्तान (36), कनाडा (35), अमेरिका (35), बांग्लादेश (31), श्रीलंका (30), नाइजीरिया (28), अजेरबैजान (27), यमन (24) और मलेशिया (22) के लोग शामिल हैं।
सूत्रों का कहना है कि सीबीआई विभिन्न विदेशी जांच एजेंसियों के साथ कोर्डिनेट करके इस मामले में शामिल विदेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई की योजना बना रही है और CSEM (Child sexual exploitation material) कहां से आ रहा है इसके बारे में पता लगाना चाहती है। इसके अलावा सीबीआई अपनी सहयोगी जांच एजेंसियों से भी इस मामले में मदद ले रही है।
पैसों के लेनदेन की जांच भी जारी
शुरुआती जांच में यह पाया गया कि, कुछ लोग पैसों के लिए चाइल्ड पोर्नोग्राफी के व्यापार में शामिल हैं। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि सर्चिंग के दौरान विभिन्न लोकेशन से मोबाइल, लैपटॉप समेत कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए हैं। सूत्रों ने को बताया कि, इस बात का खुलासा हुआ है कि ये लोग सोशल मीडिया ग्रुप, साइट्स और प्लेटफॉर्म पर बच्चों के यौन शोषण से जुड़े वीडियो, पिक्चर, पोस्ट व लिंक शेयर करते थे। इसके जरिए आरोपी नियमित रूप से पैसा कमाते थे, जो कि उनके द्वारा लिंक अकाउंट में आता था। सूत्रों ने कहा कि इन अपराधियों के बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंक का पता लगाने के लिए पैसों से जुड़े लेन-देन की जांच की जा रही है।
सीबीआई की इस ऑपरेशन में सबसे परेशान करने वाली बात यह है कि, कई लोग चाइल्ड पोर्नोग्राफिक कंटेंट का व्यापार करते हैं और विभिन्न ग्रुप/प्लेटफॉर्म पर इन्हें बेचते हैं. इन लोगों के बैंक अकाउंट इन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं, जहां इन आपत्तिजनक सामग्री को देखने के लिए भुगतान किया जाता है। जांच एजेंसी इंटरनेशनल चाइल्ड सेक्सुअल एक्सपोलइटेशन डाटाबेस के साथ भी कोर्डिनेट करने की योजना बना रही है ताकि बच्चों के यौन शोषण से संबंधित तस्वीरों को ट्रेस करके यह पता लगाया जा सके कि, ये इमेज कहां से आ रही है।
इंटरपोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2017 से 2020 के बीच भारत में बच्चों के यौन उत्पीड़न के करीब 20 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं और इनमें से 80 फीसदी बच्चियां 14 वर्ष वर्ष से कम उम्र की हैं। यह भी पता चला है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित सामग्री और इन्हें देखने वालों की संख्या में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है। यह भी पाया गया है कि सर्च इंजन पर हर रोज 1 लाख 16 हजार से ज्यादा सवाल चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े हुए होते हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved