नई दिल्ली: डीएचएफएल- यस बैंक धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने बड़ी कार्रवाई की है. CBI ने मुंबई और पुणे में इस मामले से संबंद्ध संदिग्ध लोगों के आठ ठिकानों और कार्यालयों पर छापेमारी की. इस मामले में CBI शाहिद बलवा और विनोद गोयनका के परिसरों की तलाशी ले रही है.
CBI ने कई दस्तावेज किए जब्त
इस छापेमारी के दौरान इनके ठिकाने से कई दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं. गौरतलब है कि हाल ही में सीबीआई ने इस मामले से जुड़े बिल्डर संजय छाबड़िया को भी गिरफ्तार किया था.
अलग-अलग टीमें बनाकर की कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, CBI की अलग-अलग टीमों ने ये कार्रवाई की है. एक ओर जहां पुणे में बिल्डर विनोद गोयनका के ठिकानों पर छापा मारा गया है, तो दूसरी ओर मुंबई में CBI के अधिकारियों ने शाहिद बलवा और अविनाश भोसले के आवास और कार्यालयों पर तलाशी अभियान चलाया है. CBI ने छाबड़िया की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में अपनी कार्रवाई तेज कर दी है.
राणा कपूर रहे चर्चा में
बता दें कि यस बैंक (Yes Bank) के पूर्व सीईओ राणा कपूर (Rana Kapoor) हाल ही में काफी चर्चा में रहे. उन्होंने ईडी (ED) को दिए अपने बयान में बताया कि कैसे उनके ऊपर दबाव डालकर और पद्म भूषण दिलाने का लालच देकर उनसे प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के पास रखी एमएफ हुसैन (MF Husain) की पेंटिंग 2 करोड़ में खरीदने का दबाव डाला गया था. इसके बाद प्रियंका गांधी ने पेंटिंग खरीदने के लिए चिट्ठी लिखकर राणा कपूर को धन्यवाद भी किया था.
ईडी की पूछताछ में हुआ ये खुलासा
राणा कपूर ने ईडी को दिए अपने बयान में बताया कि साल 2010 में मिलिंद देवड़ा ने मुंबई स्थित मेरे घर और ऑफिस के कई चक्कर लगाए. वो मेरे घर प्रियंका गांधी के पास मौजूद एमएफ हुसैन की पेंटिंग बेचना चाहते थे. इतना ही नहीं उन्होंने मुझे एक मोबाइल नंबर से कॉल और मैसेज किए.
2018 में शुरू हुआ मामला
गौरतलब है कि धोखाधड़ी का ये मामला अप्रैल और जून 2018 के बीच शुरू हुआ, जब यस बैंक ने डीएचएफएल के अल्पकालिक डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया. बदले में वधावन ने कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को डीओआईटी (DoIT) अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को ऋण के रूप में 600 करोड़ रुपये का भुगतान किया.
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