कोलकाता: सीबीआई शिक्षक नियुक्ति घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक के परिसरों सहित पश्चिम बंगाल के बीरभूम में छह स्थानों पर तलाशी अभियान चला रही है. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस मामले में तृणमूल के कई नेताओं के परिसरों पर छापे मार चुकी है.
सीबीआई ने शुक्रवार को शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में टीएमसी विधायक जीबन कृष्ण साहा के परिसरों पर छापेमारी की. इसके साथ ही सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम, मुर्शिदाबाद और कोलकाता में छह स्थानों पर तलाशी ली. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि घोटाले में बुरवान से विधायक जीबन कृष्ण साहा मुख्य जरिया थे, जो कक्षा 9-10 के लिए शिक्षकों की भर्ती के लिए उम्मीदवारों से कथित रूप से पैसे इक्ट्ठा कर रहे थे.
कोर्ट ने घोटाले की जांच का निर्देश दिया
सीबीआई ने पिछले अप्रैल में कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर केस दर्ज किया था. कोर्ट ने घोटाले की जांच का निर्देश दिया था जिसमें पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) के पूर्व सलाहकार एस पी सिन्हा की भूमिका की भी जांच की जा रही है. जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा था कि इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा एक नया केस दर्ज किया जानी चाहिए क्योंकि यह कक्षा 9 और 10 में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित है.
जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा था, “सीबीआई को मामले की जांच करने और इस मामले में विशेष रूप से डॉ. शांति प्रसाद सिन्हा और समिति के अन्य सदस्यों से फिर से पूछताछ करने का निर्देश दिया जाता है.”
ईडी का भी कसा शिकंजा
बता दें कि ईडी ने कुछ समय पहले शिक्षक भर्ती घोटाले में 56.15 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क कर दिया था. इसके अलावा ईडी 49.80 करोड़ रुपये की की नकदी, 5.08 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के सोने और आभूषण जब्त कर चुकी है. इस मामले में अब तक कुल जब्ती और कुर्की 111 करोड़ रुपये की है. ईडी इस मामले में धन की हेराफेरी की जांच कर रही है.
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