इंदौर। आरोपी से जो कथित मादक पदार्थ जब्त करना बताया गया था वह ब्राउन शुगर थी या गांजा? केस की ट्रायल के दौरान सामने आए गंभीर विरोधाभास के चलते विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार साहू की कोर्ट ने आरोपी शौकत निवासी मक्सी बायपास, देवास को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया।
नारकोटिक्स सेल ने 5 अप्रैल 2019 की शाम स्टार चौराहे से बाइक सवार उक्त आरोपी को 52 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ पकड़ा था। विवेचना के बाद कोर्ट में चालान पेश किया गया। केस से संबंधित दोनो स्वतंत्र गवाहों ने अभियोजन कहानी का समर्थन नहीं किया। दोनो ने कहा कि ना तो वे अभियुक्त को जानते हैं ना ही पुलिस ने उनके सामने कोई कार्रवाई की थी।
थाने पर 15-20 कागजों पर हस्ताक्षर करवाए थे, ये किस बाबद कराए थे, इसकी इन्हें जानकारी नहीं है। कोर्ट ने अपने आदेश में उल्लेखित किया कि आरोपी से मिले संदिग्ध पदार्थ को कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करना बताया, उसमें मादक पदार्थ के कालम में गांजा होना उल्लेखित है। यह भी एक तात्विक विसंगति है और युक्तियुक्त संदेह का पर्याप्त कारण है कि आरोपी से कौनसा मादक पदार्थ बरामद किया गया था। इस संबंध में हमराह साक्षी, जब्तीकर्ता अधिकारी और कार्यपालिक मजिस्ट्रेट समक्ष प्रस्तुत पदार्थ के संबंध में गंभीर विरोधाभास है। सम्पूर्ण तलाशी एवं बरामदगी की कार्रवाई को संदेहास्पद मानते हुए कोर्ट ने उक्त आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया।
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