इंदौर में भमोरी में लेथ मशीन पर बनती थी बैरल, तीन साल में 15 हजार बनाकर बेचीं, दो आरोपी फरार
इंदौर। क्राइम ब्रांच (crime branch) ने बुरहानपुर के सिकलीगर को गिरफ्तार (Arrest) कर उसके पास से सात देसी पिस्टल और 588 बैरल जब्त की। वह इंदौर (Indore) में भमोरी की एक लेथ मशीन के मालिक के पास बैरल लेने आया था। लेथ मशीन पर बैरल बनाने वाले दोनों आरोपी फरार हैं। ये लोग सिकलीगरों से ऑर्डर लेकर बैरल बनाते थे और सप्लाई करते थे। तीन साल में ये लोग सिकलीगरों को 15 हजार से अधिक बैरल बनाकर बेच चुके हैं। क्राइम ब्रांच की टीम आरोपियों की तलाश कर रही है। पुलिस को पहली बार बैरल बनाने वालों का पता चला है।
एडिशनल कमिश्नर (क्राइम ब्रांच) राजेश हिंगनकर और डीसीपी निमिष अग्रवाल को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक सिकलीगर इंदौर में पिस्टल में लगने वाली बैरल खरीदने आया है। सूचना पर टीम को भेजा गया, जिसने बुरहानपुर के सिकलीगर अकालसिंह को गिरफ्तार किया। उसके पास से सात देसी पिस्टल और 588 बैरल मिलीं। आरोपी से पता चला कि वह इंदौर में भमोरी क्षेत्र स्थित कृष्ण इंजीनियरिंग के प्रेमचंद्र और कृष्ण से ऑर्डर पर बैरल बनवाकर ले जाता और उसका उपयोग कर देसी पिस्टल बनाता था। इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने वहां छापा मारा और पाइप व अन्य औजार जब्त किए, लेकिन दोनों आरोपी फरार हो गए। उनकी तलाश में टीम छापे मार रही है। अब तक की जांच में पता चला है कि ये लोग लगभग तीन साल से लेथ मशीन पर बैरल बनाने का काम कर रहे हैं और 15 हजार से अधिक बैरल बनाकर बेच चुके हैं।
खरगोन, खंडवा, देवास के कंजर ऑर्डर पर खरीदते थे बैरल
पुलिस को जांच में पता चला कि दोनों आरोपी खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा और देवास के कई सिकलीगरों के संपर्क में थे और उनको ऑर्डर पर बैरल बनाकर देते थे। अब तक पुलिस पिस्टल और गोलियां बनाने वाले कई सिकलीगरों को पकड़ चुकी है, लेकिन पहली बार बैरल बनाने वालों का पता चला है।
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