नई दिल्ली । चीन के विदेश मंत्री वांग यी(China’s Foreign Minister Wang Yi) ने मालदीव की आकस्मिक यात्रा(Casual Trip to Maldives) की और राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (President Mohamed Muizzu)के साथ द्विपक्षीय संबंधों(Bilateral Relations) की स्थिति पर चर्चा की। भारत के साथ मालदीव की बढ़ती नजदीकियों के बीच चीनी विदेशी मंत्री ने यह यात्रा की है। कम्युनिस्ट पार्टी के शक्तिशाली पोलित ब्यूरो के सदस्य वांग ने अपनी एक यात्रा से लौटते वक्त शुक्रवार को (मालदीव की राजधानी) माले में ठहराव के दौरान मुइज्जू से भेंट की।
राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद कुछ महीनों बाद मुइज्जू ने पिछले साल जनवरी में चीन की यात्रा की थी। उसके बाद किसी बड़े चीनी अधिकारी की यह पहली मालदीव यात्रा थी। मुइज्जू की चीन यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक सहयोगकारी साझेदारी तक बढ़ाया और कुछ प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
मालदीव मीडिया ने खबर दी कि वांग के साथ अपनी भेंटवार्ता के दौरान मुइज्जू ने दोनों देशों के बीच समझौतों और समझौता ज्ञापनों (एमओयू) में उल्लिखित प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के महत्व पर बल दिया। वांग ने कहा कि मुइज्जू की चीन की सफल राजकीय यात्रा चीन-मालदीव संबंधों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।
अपने राष्ट्रपति काल के प्रारंभिक महीनों के दौरान, मुइज्जू ने चीन के करीब जाने की कोशिश की, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपनी सरकार की नीति में बदलाव किया, भारत के साथ संबंधों में संतुलन बनाया, क्योंकि चुनाव अभियान के दौरान की उनकी मांग पर भारत ने मालदीव में दो हेलीकॉप्टरों और एक डोर्नियर समुद्री निगरानी विमान का संचालन करने वाले अपने वायुसेना कर्मियों की जगह नागरिकों को तैनात कर दिया था।
इस पूरे प्रकरण ने भारत और मालदीव के बीच संबंधों को काफी हद तक खराब कर दिया था। हालांकि, पिछले साल अक्टूबर में मुइज्जू की भारत यात्रा के बाद संबंधों में कुछ नरमी आई थी। इस यात्रा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत की थी। मालदीव में विदेशी मुद्रा संकट के बाद भारत ने मालदीव को सहायता और वित्तीय सहायता भी बढ़ा दी है। बुधवार को मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून ने नई दिल्ली का दौरा किया और अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ वार्ता की।
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