रायपुर । राज्य की छानबीन समिति की जांच में साढ़े 7 सौ प्रकरणों में 267 अफसर-कर्मियों के जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी, पूर्व विधायक अमित जोगी समेत 18 जनप्रतिनिधियों के प्रमाण पत्र भी शामिल हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डीडी सिंह ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र वालों की सूची सभी संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए भेजा है।
जानकारी के मुताबिक उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति रायपुर को 2000 से लेकर 2020 तक 758 प्रकरण मिले हैं, जिसमें से 659 प्रकरणों की जांच के बाद उसका निराकरण किया गया। 267 प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं, जिसे संबंधित विभाग को कार्रवाई के लिए भेजा गया है। इसमें अधिकांश प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन हैं।
जनप्रतिनिधियों के प्रमाण पत्र फर्जी-जिन जनप्रतिनिधियों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं, उनमें अध्यक्ष नगर पंचायत नवागढ़ सीताराम, पार्षद पूर्णिमा नाग, सरपंच सावित्री बाई, पार्षद नगर निगम राजेन्द्र सिंह अरोरा, अध्यक्ष जनपद पंचायत फिंगेश्वर राघोबा महाडिक़, अध्यक्ष नगर पंचायत सतनाम सिंह खनूजा, पार्षद नगर निगम अफरोज अंजूम, सरपंच शोभराज दावड़ा, जनपद सदस्य सेराज खान, जिला सदस्य विरेन्द्र सूर्यवंशी, पार्षद नगर पालिका बीरगांव अशोक कुमार बघेल, सरपंच महेश कुमार बया, चतुर राम मेश्राम, आशा लता, कनक नागे, महेश प्रसाद, विधायक स्व अजीत प्रमोद कुमार जोगी, पूर्व विधायक अमित जोगी के नाम शामिल हैं ।
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