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    जातिगत जनगणना : चिराग के बाद अब जेडीयू भी India ब्लॉक के साथ खड़ी दिखी, OBC कल्याण समिति की बैठक में उठा मुद्दा

    August 30, 2024

    नई दिल्ली. OBC कल्याण पर संसदीय समिति (Parliamentary Committee) की हाल ही में हुई बैठक में INDIA गठबंधन के दलों और NDA सहयोगियों ने जातिगत जनगणना (Caste Census) को लेकर अपनी मांगों को मजबूती से उठाया.

    JDU ने रखी ये मांग
    सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में JDU ने विशेष रूप से जातिगत जनगणना कराने की मांग की और OBC के लिए क्रीमी लेयर की सीमा को मौजूदा सीमा से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा. JDU का कहना है कि वर्तमान में क्रीमी लेयर की सीमा OBC वर्ग के लिए पर्याप्त नहीं है, और इसे बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें.


    INDIA गठबंधन के दलों ने भी उठाई जातिगत जनगणना की मांग
    INDIA गठबंधन के दलों ने भी जातिगत जनगणना की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने समिति के अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वे गृह मंत्रालय को एक सिफारिशी पत्र भेजें, जिसमें देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग की जाए.बैठक में OBC के लिए खाली पदों को भरने और आरक्षण लागू करने की भी मांग की गई. केंद्रीय विश्वविद्यालयों में OBC की खाली सीटों को तत्काल भरने और अस्थायी पदों (Adhoc posts) में भी आरक्षण को लागू करने की मांग प्रमुखता से उठाई गई.

    चिराग पासवान भी जातिगत जनगणना की कर चुके हैं बात
    ये सभी मांगें OBC कल्याण पर संसदीय समिति की बैठक के दौरान रखी गईं, जो OBC वर्ग के हितों की रक्षा और उनके कल्याण के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं. इन मांगों पर आगे क्या निर्णय होता है, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. बता दें कि इससे पहले NDA में सहयोगी दल के रूप में शामिल एलजेपी (रामविलास) के चीफ चिराग पासवान भी जातिगत जनगणना का मुद्दा उठा चुके हैं. वह एक नहीं, बल्कि कई बार पहले भी इस मुद्दे पर अपनी स्पष्ट राय जाहिर कर चुके हैं.

    क्या बोले थे चिराग पासवान
    बीते रविवार को रांची में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए थे. अध्यक्ष चुने जाने के बाद, चिराग पासवान ने कहा, “मेरी पार्टी ने हमेशा जाति जनगणना के समर्थन में अपनी स्थिति स्पष्ट रखी है. हम चाहते हैं कि जाति जनगणना हो. इसका कारण यह है कि कई बार राज्य सरकार और केंद्र सरकार ऐसी योजनाएं बनाती हैं जो जाति को ध्यान में रखकर तैयार की जाती हैं. ये योजनाएं मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से बनाई जाती हैं. ऐसे में सरकार के पास उस जाति की जनसंख्या की जानकारी होनी चाहिए. कम से कम यह जानकारी होनी चाहिए ताकि उस जाति को मुख्यधारा से जोड़ने या संबंधित योजना के तहत धन का वितरण उचित मात्रा में किया जा सके. इस संबंध में ये आंकड़े कम से कम सरकार के पास होने चाहिए.”

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