भोपाल: कांग्रेस (Congress) के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कहा कि मध्य प्रदेश में कई वर्षों से डबल इंजन सरकार (Double engine government) है. निर्दोष लोगों के खिलाफ झूठे मुकदमे बनाए जा रहे हैं. अल्पसंख्यक वर्ग को प्रताड़ित किया जा रहा है. दोषियों को छोड़ा जा रहा है और जो निर्दोष हैं उनको जेल भेजा जा रहा है. सितंबर 2024 में दो बड़ी घटनाएं हुई हैं जो लोग नियम और कानून का पालन कर रहे हैं उन्हें सजा दी जा रही है.
दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि रतलाम की एक घटना है. गणेश चतुर्थी का जुलूस निकल रहा था उसमें कट्टरपंथी संगठन रूट बदलकर मस्जिद के सामने से जुलूस लेकर निकले. और भद्दी गालियां दी और पत्थर फेंकने का हंगामा किया और दुकानें जला दीं. जब वीडियो रिकार्डिंग देखी जाती है तो पता चलता है कि कोई मुस्लिम इस घटना में शामिल ही नहीं है. दोषियों को जेल भी भेजा गया. फिर सूबे के मुख्यमंत्री ने उस अधिकारी का ही तबादला कर दिया जिसने दोषियों को जेल भेजा था.
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि एक और घटना है मक्सी की. यहां दो लोगों में झगड़ा हुआ. झगड़े के दौरान फायरिंग भी हुई. एक पक्ष के लोग को गिरफ़्तार कर लिया और दूसरे पक्ष को छोड़ दिया गया. फिर विवाद हुआ तो पत्थरबाजी हुई, फायरिंग हुई जिसमें अमजद नाम का लड़का मारा गया. जुनैद नाम के लड़के को भी गोली लगी जो अभी भी कोमा में है.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और IAS असोसिएशन को भी इस बारे में पत्र लिखा है. इस डबल इंजन की सरकार में एक अधिकारी दृढ़ता से दंगे को रोकता है तो उसे दंड दिया जाता है जबकि जो इन दंगों को बढ़ावा देता है. उसे प्रोत्साहन दिया जाता है. मेरे मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान एक भी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ.
महाराष्ट्र में मुसलमानों को 10 फीसदी आरक्षण देने वाले मुद्दे पर अमित शाह के बयान पर दिग्विजय सिंह ने कहा, ”क्या हमारे संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान है. ये केवल झूठ है. ये सिर्फ जुमला देते है, अमित शाह झूठ बोलते हैं.अमित शाह को तो आरोप लगाने की आदत है.” दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि जिसने रूलबुक का पालन किया उसे प्रताड़ित किया गया. जिसने पालन नहीं किया उसे छोड़ दिया गया. नरेंद्र मोदी जी की कथनी और करनी में बहुत अंतर है. जनता में भी उनके प्रति अविश्वास बढ़ता जा रहा है.
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