भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister of Madhya Pradesh) कमलनाथ (Kamalnath) के खिलाफ भोपाल क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज (Case registered in Bhopal Crime Branch) किया गया है. यह मामला IPC की धारा 188 और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 54 के तहत दर्ज किया गया है. यह पूरा मामला भ्रामक जानकारी फैलाने (Spreading misleading information) के तहत दर्ज कराया गया है.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने क्राइम ब्रांच (Crime Branch) को इस मामले में केस दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था. दरअसल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमलनाथ (Kamalnath) ने कोरोना (Corona) को लेकर कहा था कि दुनिया इसे अब इंडियन कोरोना(Indian Corona) के नाम से जानती है.
इसके अलावा BJP के आवेदन में आरोप लगाए गए थे कि कमलनाथ ने सरकार पर लाखों लोगों की मौत का आंकड़ा छिपाने के आरोप लगाए थे जो आपत्तिजनक हैं. बीजेपी ने यह आवेदन रविवार दोपहर को दिया था. जिसके बाद शाम को आवेदन पर एक्शन लेते हुए कमलनाथ के खिलाफ इन दो धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया. पुलिस के मुताबिक दोनों धाराएं जमानती हैं.
इससे पहले टूलकिट मामले में बीजेपी नेता संबित पात्रा को रायपुर पुलिस ने नोटिस भेजा था. बताया जा रहा है कि ये नोटिस संबित पात्रा से पूछताछ के लिए जारी किया गया है. नोटिस में संबित पात्रा को रविवार को शाम 4 बजे रायपुर के थाना सिविल लाईन में व्यक्तिगत अथवा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उपस्थित होने के निर्देश दिए थे. वहीं नोटिस का पालन नहीं करने पर कार्रवाई करने के आदेश भी हैं. एक स्थानीय एनएसयूआई नेता आकाश शर्मा द्वारा संबित पात्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद नोटिस जारी किया गया है. बता दें कि पात्रा ने 18 मई को एक ट्वीट पोस्ट किया था जिसमें दावा किया गया था कि कांग्रेस टूलकिट मोदी शासन को बदनाम कर रही है. संबित पात्रा ने दावा किया था कि राहुल गांधी जो हर सुबह ट्वीट करते हैं, वो भी इसी टूलकिट का हिस्सा है, जिसके जरिए सरकार को बदनाम किया जा रहा है. इसमें जानबूझकर कुंभ को लेकर कमेंट किया गया है, जबकि ईद पर चुप्पी साधी गई है. वहीं कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर बदनाम करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का प्रचार करने का आरोप लगाया है. बता दें कि छत्तीसगढ़ NSUI की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. टूलकिट मामले में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने रायपुर के सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने शिकायत के आधार पर FIR दर्ज की और अब पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है.