लाहौर: 8 फरवरी को पाकिस्तान में आम चुनाव हुए थे. तीन दिनों से वोटों की गिनती भी चल रही है लेकिन अभी तक पूरे नतीजे घोषित नहीं हो सके. पाकिस्तान के चुनाव परिणाम पर दुनियाभर के तमाम देश नजर टिकाए हैं. सत्ता का ताज किसके सिर पर सजेगा कौन सी पार्टी देश की बागडोर संभालेगी इसका सभी को बेसब्री से इंतजार है. चुनाव के दौरान लगातार धांधली के आरोप लगाए जा रहे हैं.
इस बीच धांधली को लेकर पाकिस्तान की तमाम अदालतों में ढेरों याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिसमें सबसे ज्यादा जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थित उम्मीदवारों ने दाखिल की हैं. इन उम्मीदवारों ने आम चुनाव के नतीजों को चुनौती दी है. ज्यादातर याचिकाएं लाहौर हाई कोर्ट में दायर की गई हैं. वहीं पीटीआई समर्थित दो उम्मीदवारों ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट का रुख किया है जहां तीन याचिकाएं दी कई हैं.
PTI समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती 102 सीटें
आम चुनाव में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने 102 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं र्व प्रधानमंत्री शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने 74 सीटें हासिल की हैं जो कि दूसरी बड़ी पार्टी बनी है. तीसरे नबंर पर बिलावल अली भुट्टो की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) है जिसे चुनाव में 54 सीटें मिली हैं. मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) को 17 सीटें और 12 अन्य सीटें छोटी पार्टियों को मिलीं. चुनाव आयोग ने 265 में से 259 सीटों के परिणाम घोषित कर दिए हैं. अभी भी कुछ जगहों के नतीजे आने बाकी है.
नवाज शरीफ और मरियम की जीत को चुनौती
वहीं एनए-88 में ईसीपी ने धोखाधड़ी की शिकायतों के कारण परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी है. शिकायतों के निवारण के बाद ही यहां के नतीजों की घोषणा की जाएगी. वहीं लाहौर हाई कोर्ट में पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज के साथ ही पूर्व रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की जीत को भी चुनौती दी गई है.
चुनौती देने वालों में ज्यादातर पीटीआई समर्थित निर्दलीय हैं. इनमें कुछ बड़े नेता भी शामिल हैं. जिनमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री परवेज इलाही और उनकी पत्नी कैसरा, खैबर पख्तूनख्वा (केपी) के पूर्व वित्त मंत्री तैमूर झागरा और खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व स्पीकर महमूद जान, पंजाब की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. यास्मीन राशिद जैसे हाई प्रोफाइल नेता हैं.
PTI चुनाव नतीजे बदलने का आरोप
याचिकाकर्ताओं का दावा है कि उन्हें सौंपे गए फार्म 45 के मुताबिक उन्होंने जीत दर्ज की थी लेकिन धांधली के चलते बाद में परिणाम बदल दिए गए. उम्मीदवारों ने चुनाव परिणाम में गड़बड़ी में मिलीभगत का आरोप लगाया है और मांग की है कि फॉर्म 47 के नतीजे फार्म 45 के अनुसार तैयार किए जाएं.
‘देश में बनेगी अल्पमत सरकार, होगी सौदेबाजी’
इस मामले में कराची के राजनीतिक विश्लेषक आमिर जिया का कहना है कि 80 प्रतिशत सीटों के नतीजे वैसे ही हैं जिसकी उम्मीद थी वहीं 20 प्रतिशत सीटों पर विवाद था. उन्होंने कहा कि मुख्य बहस पीएमएल-एन की सीटों पर है जहां लोगों का कहना है कि जो लोग चुनाव हार गए थे उन्हें रातों रात विजयी घोषित कर दिया गया, जिसकी वजह से सवाल उठाए जा जा रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि देश में अल्पमत सरकार बनेगी जिसमें जमकर सौदेबाजी होगी.
इस बीच पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में वकील मौलवी इकबाल हैदर की तरफ से एक याचिका दायर की गई है जिसमें सभी निर्वाचित स्वतंत्र उम्मीदवारों को उनकी जीत की आधिकारिक अधिसूचना मिलने के तीन दिनों के अंदर एक राजनीतिक दल में शामिल होने के लिए बाध्य करने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने संविधान के अनुच्छेद 51 का हवाला देते हुए कोर्ट से ये अनुरोध किया है. इकबाल हैदर ने कोर्ट को बताया कि चुनाव में 17 हजार 816 उम्मीदवारों ने भाग लिया था जिसमें लगभग 11 हजार 785 ने उम्मीदवारों ने निर्दलीय चुनाव लड़ा है.
आपको बता दें कि जेल में इमरान खान की पार्टी से उनका चुनाव चिन्ह बल्ला छीन लिया गया था. जिसके बाद उनकी पार्टी के नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया, जिसमें से कई लोगों ने चुनाव में जीत दर्ज की है.
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