नई दिल्ली: बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें और बढ़ गई है. वह पहले से ही महिला पहलवानों के शोषण के आरोपों का सामना कर रहे हैं. अब नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल ने अवैध खनन के आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई है. NGT ने पर्यावरण मंत्रालय, सीपीसीबी, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त कमेटी का गठन किया है. कमेटी अवैध खनन और ओवरलोडेड ट्रकों के माध्यम से अवैध परिवहन के कारण पर्यावरण को हुए नुकसान की जांच करेगी.
ट्रायब्यूनल ने पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों, प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों और गोंडा के डीएम को मामले की जांच का आदेश दिया है. जांच कमेटी गोंडा में अवैध रेत खनन, ओवरलोडेड ट्रकों को अवैध रूप से चलवाने के आरोपों की जांच करेगी. एनजीटी में दायर अर्जी में कहा गया है कि प्रत्येक दिन 700 ट्रकों का संचालन होता है. ऐसे में सड़कें खराब हो रही है और पुल को नुकसान हो रहा है. कमेटी को 7 नवंबर तक जांच रिपोर्ट पेश करने कहा गया है.
NGT में एक अर्जी दाखिल की गई थी. कहा गया कि गोंडा जिले के गांव जैतपुर, नवाबगंज, तहसील तरबगंज में कथित अवैध रेत खनन किया जा रहा है. साथ ही ओवरलोडेड ट्रकों के चलने से परिवहन, पर्यावरण, सड़क, प्रताबगंजपुल को नुकसान पहुंच रहा है. जॉइंट कमेटी साइट का दौरा करेगी और बृजभूषण शरण सिंह की कंपनी ‘प्रोजेक्ट प्रोपोनेंट’ से बातचीत करेगी. ट्रायब्यूनल के आदेश के मुताबिक, जांच कमेटी सच्चाई का पता लगाएगी और कानून के तहत जरूरी कार्रवाई करेगी. इस दौरान कंपनी के कर्मचारियों को जांच में सहयोग का आदेश दिया गया है.
ट्रायब्यूनल ने दो महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. बृजभूषण शरण सिंह ने पहले भी 38 से ज्यादा आपराधिक मामलों का सामना किया है, जिसमें हत्या की कोशिश, दंगा, भू-माफिया के साथ संबंध और अन्य कई गंभीर आरोप शामिल हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उनके द्वारा दायर हलफनामे के अनुसार, उन्हें बरी कर दिया गया था. बृजभूषण सिंह पर हाल ही में महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की और कहा है कि आरोप जांच योग्य है.
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