भोपाल। एसपी हेडक्वार्टर रामजी श्रीवास्तव (SP Headquarters Ramji Srivastava) और डीएसपी माणिक मणी कुमावत (DSP Manik Mani Kumawat) पर निलंबित सिपाही से मारपीट के मामले में पुलिस (Police) ने जांच शुरू कर दी है। अब उसे चोट कैसे आई, इसको लेकर उससे पूछताछ की जाएगी। हालांकि पुलिस ने अभी तक उसका मेडिकल (Medical) नहीं कराया है। बताया जाता है कि सिपाही के साथ मारपीट का मामला पीएचक्यू पहुंच गया है। चूंकि वरिष्ठ अफसरों पर आरोप लगे हैं इसलिए गृह विभाग ने भी पीएचक्यू (PHQ) से जानकारी मांगी है।
साल भर से डीएसपी के वाहन का चालक
सिपाही भूपेन्द्र सिंह सालभर से डीएसपी हेडक्वार्टर माणिक मणी कुमावत के सरकारी वाहन का ड्राइवर है। आरोप है कि 22 सितंबर को उसके साथ हेड क्वार्टर एसपी रामजी श्रीवास्तव और डीएसपी माणिक कुमावत ने मारपीट की। उधर एसपी हेडक्वार्टर रामजी श्रीवास्तव का कहना है कि सिपाही के खिलाफ 22 सितंबर को गंभीर शिकायत मिली थी। जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया था। सूत्रों की माने तो पुलिस ने सिपाही से आवेदन तो ले लिया, लेकिन उसका मेडिकल नहीं कराया है। पुलिस अफ सरों का कहना है कि आवेदन की जांच की जा रही है। अभी पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि सिपाही को चोट कैसे आई। वहीं सिपाही का कहना है कि उसके खिलाफ असल वजह जाने बगैर एक तरफा कार्रवाई की गई है। सिर्फ गलत फहमी के चलते उसके मोबाइल को छीन लिया गया था, जिसका पूरा डाटा चेक करने के बाद मोबाइल लौटाया गया था। पुलिस के स्थानीय सूत्र बताते हैं कि बैरसिया एसडीओपी रहते भी डीएसपी की कार्यप्रणाली चर्चा में थी। तब उन पर तत्कालीन आईजी से कान भरकर एक थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कराने के आरोप लगे थे।
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