इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore of Madhya Pradesh) में रैगिंग से त्रस्त होकर एमबीबीएस प्रथम वर्ष (MBBS first year) के छात्र चेतन पाटीदार के आत्महत्या करने के मामले में प्रशासन ने सख्त रख अपनाया है। पुलिस ने इंडेक्स मेडिकल कालेज के डीन (Dean of Index Medical College) और तृतीय वर्ष (थर्ड ईयर) के दो छात्रों पर मुकदमा दर्ज किया है। दोनों आरोपी छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। डीन की तलाश की जा रही है।
पिछले दिनों इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के छात्र चेतन पाटीदार (Chetan Patidar) (22) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वह मूल रूप से उज्जैन जिले के ग्राम मौलाना (Village Maulana of Ujjain district) का रहने वाला था और एमबीबीएस प्रथम सेमेस्टर में अध्ययनरत था। रैगिंग से परेशान होकर उसने आत्महत्या की थी। शुक्रवार को चेतन के परिजन समेत समाजजन इंदौर पहुंचे थे और पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र के कार्यालय का घेराव किया था। उन्होंने बताया था कि बेटे ने रैगिंग के काऱण आत्महत्या की है।
डीन से शिकायत भी की थी लेकिन उन्होंने मदद नहीं की। इसके बाद पुलिस ने कॉलेज के डीन जीएस पटेल सहित सीनियर छात्र दुर्गेश हाड़ा और रोमिल सिंह (Senior students Durgesh Hada and Romil Singh) के खिलाफ आईपीसी 306-34 के तहत केस दर्ज किया। दोनों छात्र तृतीय वर्ष में पढ़ते हैं। उनको गिरफ्तार कर लिया गया है। डीन की तलाश की जा रही है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के बयान लिए गए जिसमें रैगिंग की पुष्टि हुई है। डीन पर आरोप है कि उसने छात्र को होस्टल में ही रहने के लिए मजबूर किया। लिखित शिकायत के बाद भी डीन ने यह कहते हुए धमकाया कि मरना है तो मर जा लेकिन होस्टल में ही रहना पड़ेगा। होस्टल से बाहर रहा तो कॉलेज से भी बाहर कर देंगे। चेतन इस कारण अवसाद में चला गया और फांसी लगा ली।
चेतन पाटीदार
आत्महत्या के पहले चेतन ने पिता से फोन पर बात की थी और रैगिंग की परेशानी बताई थी। उसने कहा था कि ‘पापा… मैं बहुत परेशान हो गया हूं, मुझे हॉस्टल में नहीं रहना है। यहां सीनियर रैगिंग ले रहे हैं। रोज मुझे कपड़े उतार कर दीवार पर खड़ा कर देते हैं। उसी हालत में घंटों खड़ा रखते हैं। पेंसिल-पेन लेकर गंदी हरकत करते हैं। पूछते हैं तेरी गर्लफ्रेंड है या नहीं। पोर्न फिल्म भी दिखाते हैं। इस घटना पर आगे पढ़ने से पहले आप अपनी राय दे सकते हैं…।
चेतन के पिता ने बताया कि 28 मार्च को चेतन से बात हुई तो मैंने पूछा कहां हो। उसने कहा था कि कॉलेज की कैंटीन में नाश्ता कर रहा है। 29 मार्च को आत्महत्या के पहले बात हुई थी। वह डरा हुआ था और सहमी व धीमी आवाज में बात कर रहा था। सीनियर उसे लगातार फोन करके परेशान करते थे। होली पर जब वह घर आया तब यहां भी उसके सीनियर का फोन आया था।
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