नई दिल्ली: भिवानी के लोहारू (Loharu of Bhiwani) में कथित गौ तस्करों को बजरंग दल के गौरक्षकों (Cow protectors of Bajrang Dal) द्वारा कथित रूप से जलाकर मारने का मामला मंगलवार को नया रंग ले गया. मानेसर में हिंदू महापंचायत (Hindu Mahapanchayat) में इसे झूटा आरोप बताते हुए मचाए गए हंगामे के बाद हरियाणा पुलिस (Haryana Police) ने राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. यह मुकदमा गौ तस्करों की हत्या मे आरोपी बनाए गए श्रीकांत पंडित की पत्नी के पेट पर लात मारकर उसके बेटे की हत्या करने के मामले में दर्ज हुआ है.
हरियाणा की नूंह जिला पुलिस ने नगीना पुलिस थाने में राजस्थान पुलिस के 40 अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ IPC की धारा 312, 148, 149, 323, 353, 354 और 452 में केस दर्ज किया है. श्रीकांत की मां दुलारी देवी ने आरोप लगाया था कि घर में दबिश के दौरान राजस्थान पुलिस के सिपाहियों ने श्रीकांत की 9 महीने की गर्भवती पत्नी कमलेश के पेट पर लात मारी थी, जिससे उसके बेटे की पेट में ही मौत हो गई.
श्रीकांत की पत्नी की दबिश के बाद डिलीवरी हुई थी, जिसमें उसने मृत बेटे को जन्म दिया था. इसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया था. हरियाणा राज्य महिला आयोग ने भी इस मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश हरियाणा सरकार को दिया था. आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने मंगलवार को कमलेश से अस्पताल में मुलाकात भी की. इसके बाद हरियाणा पुलिस ने रविवार को श्मशान में दफन नवजात बच्चे के शव को निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा था. नूंह के SP वरुण सिंगला के मुताबिक, फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली है. रिपोर्ट मिलने पर केस में और धाराएं जोड़ी जाएंगी.
श्रीकांत की मां दुलारी देवी ने इस मामले में पुलिस को शिकायत दी थी. उन्होंने शिकायत में कहा था कि 17 फरवरी को राजस्थान पुलिस के 40 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की टीम उनके घर पहुंची. जबरन अंदर घुसने के बाद उन्होंने तोड़फोड़ की. इसके बाद श्रीकांत का ठिकाना पूछते हुए घर पर मौजूद लोगों से मारपीट की गई. जब हमने श्रीकांत का पता मालूम नहीं होने की बात कही तो उन्होंने गर्भवती बहू के साथ बेरहमी से मारपीट शुरू कर दी. पूछताछ के दौरान कमलेश के पेट पर लात मारी गई. इससे उसके पेट में दर्द होने लगा. दुलारी देवी के मुताबिक, इस पर घबराकर राजस्थान पुलिस की टीम वहां से निकल गई. वे लोग कमलेश को मंडी खेड़ा के अस्पताल में ले गए, जहां से उसे नल्हड़ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. वहां कमलेश की डिलीवरी कराई गई, जिसमें मृत बच्चा पैदा हुआ. उन लोगों ने मृत बच्चे को श्मशान में दफना दिया.
दिन में भिवानी में हिंदू महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें गौतस्करों को जिंदा जलाकर मारने के मामले में मुख्य आरोपी बनाए गए मोनू मानेसर का समर्थन किया गया. मोनू बजरंग दल से जुड़ा है और गौरक्षक दल का मुखिया है. महापंचायत में राजस्थान पुलिस को मोनू की गिरफ्तारी के लिए आने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई. साफ कहा गया कि पुलिस गांव में घुसी तो अपने पैरों पर वापस नहीं जाएगी.
लोहारू के पास बारवास की बणी गांव में 16 फरवरी को जली हुई बोलेरो गाड़ी मिली थी, जिसमें दो लोगों के कंकाल थे. गाड़ी की नंबरप्लेट के आधार पर इन दोनों शवों की पहचान राजस्थान के भरतपुर निवासी नासिर और जुनैद के तौर पर हुई थी. दोनों के परिवार ने नूंह के फिरोजपुर झिरका थाना पुलिस पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर नासिर-जुनैद का अपहरण करने का आरोप लगाया था. आरोप था कि पुलिस ने दोनों को बजरंग दल के कथित गौरक्षकों के हवाले कर दिया, जिन्होंने उनसे बुरी तरह मारपीट करने के बाद जिंदा जलाकर उनकी हत्या कर दी. जुनैद के खिलाफ गौतस्करी के 5 मामले भी दर्ज हैं. नासिर-जुनैद के चचेरे भाई ने इस मामले में मोनू मानेसर, अनिल, श्रीकांत, रिंकू सैनी और लोकेश सिंगला को नामजद करते हुए भरतपुर के थाना गोपालगढ़ में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था.
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