नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency, NIA) ने सोमवार को अंडरवर्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम (Dwaood Ibrahim) एवं छोटा शकील (Chhota Shakeel) समेत दाऊद गैंग के 6 लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (Unlawful Activities Prevention Act) की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया। NIA ने दावा किया है कि डी कंपनी के लोग आतंकी संगठन (Terrorist Organization) जैश-ए-मोहम्मद, जमात-उद-दावा और अलकायदा के साथ मिलकर काम कर रहे थे। दाऊद इब्राहिम पर हथियारों की तस्करी, ड्रग्स रैकेट चलाने और अन्य राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और उसे वैश्विक आतंकियों की सूची में शामिल किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक दाऊद इब्राहिम काफी समय से देश में आतंकी गतिविधियों (terrorist activities) को बढ़ाने का काम कर रहा था। भारत छोड़ने के बाद दाऊद इब्राहिम ने छोटा शकील, जावेद चिकना, इकबाल मिर्ची और अन्य लोगों के साथ मिलकर अपना नेटवर्क चलाया है। ये लोग स्लीपर सेल चलाकर अपने गुर्गों के जरिए प्रसिद्ध शख्सियतों, रानजेता और बिजनेसमैन (Ranjeta and businessman) को निशाना बनाते रहे हैं।
आरोप है कि दाऊद इब्राहिम ने हवाला के जरिए कई लोगों की मदद की है जो भारत में अशांति पैदा करने के लिए डी कंपनी के इशारों पर काम कर रहे हैं। इंटेलीजेंस एजेंसियां दाऊद इब्राहिम की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है। इस दौरान जांच एजेंसियों ने यह पाया कि इन लोगों ने देश में दंगा कराने जैसे हालात पैदा करने के लिए लोगों की भर्ती की।
डी-कंपनी के लोग ऐसी गतिविधियों में भी शामिल रहे हैं जिसकी वजह से देश में सांप्रदायिक हिंसा (sectarian violence) को बढ़ावा मिला। एएनआई ने इंडियन पिनल कोड (ANI issued the Indian Penal Code) के सेक्शन 120B और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की 17,18,20,21,38 और 40 धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। जानकारी के मुताबिक NIA की इस कार्रवाई को लेकर डी कंपनी ने कहा कि ये सभी आरोप पूरी तरह से निराधार हैं और हम इनका खंडन करते हैं। भारतीय जांच एजेंसी सालों से यह करती आई है। लेकिन हमेशा कुछ साबित करने में असमर्थ रही है। बता दें कि दाऊद इब्राहिम मुंबई में 1993 में हुए बम ब्लास्ट के बाद से फरार है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि दाऊद पाकिस्तान की सेना के सरपरस्ती में कराची में रहता है।
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