इंदौर। क्राइम ब्रांच (crime branch) ने कारतूस बनाने वाले एक सिकलीगर (sikliger) को गिरफ्तार किया। उससे 200 कारतूस जब्त हुए हैं, जबकि बड़ी मात्रा में कारतूस (cartridges) मिलने की उम्मीद है। वह तीन साल से कारतूस बनाकर बेच रहा था। एडिशनल कमिश्नर राजेश हिंगनकर (Additional Commissioner Rajesh Hingankar) को सूचना मिली थी कि सिकलीगर अब खुद कारतूस बना रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी टीम को लगाया। टीम ने एक एजेंट को पकड़ा तो उससे पता चला कि पलसूद का एक सिकलीगर बड़ी मात्रा में कारतूस बनाता है। इस पर टीम ने कल उसे पकड़ लिया। उसका नाम गुरुदयाल (gurudayal) बताया जा रहा है।
उससे पुलिस ने 200 कारतूस जब्त किए हैं। प्रारंभिक (Initial) पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह यूं तो आसपास के क्षेत्रों में गुंडों को कारतूस बेचता है। किसी को दो सौ तो किसी को ढाई सौ के रेट में बेचता है, लेकिन ज्यादातर कारतूस दूसरे सिकलीगरों के माध्यम से ही खपाता है, क्योंकि ये लोग पूरे देश में देसी पिस्टल बनाकर बेचते हैं। इनसे बदमाश कारतूस की भी मांग करते हैं। इसके चलते उसने कारतूस बनाना शुरू किया था और तीन साल से बेच रहा है। इंदौर में भी कई बदमाशों को कारतूस बेचे हैं।
लेथ मशीन से इंदौर में बनवाते थे बैरर
कुछ दिन पहले क्राइम ब्रांच ने एक सिकलीगर को पकड़ा था। वह इंदौर में पिस्टल की बैरर बनवाता था। उसके पास से बड़ी मात्रा में बैरर जब्त हुई थी। अब सिकलीगर कारतूस भी बनाने लगे हैं। पहले ये लोग लाइसेंसी आम्र्स डीलर्स से चोरी-छिपे कारतूस खरीदकर बेचते थे।
दो सौ से अधिक पिस्टल हुई हैं जब्त
इस साल अकेले क्राइम ब्रांच ने ही सिकलीगरों की कमर तोड़ी है। क्राइम ब्रांच इस साल अब तक सिकलीगरों से दो सौ से अधिक पिस्टल जब्त कर चुकी है, जबकि कई बाहरी बदमाशों को भी पकड़ा है, जो सिकलीगरों से हथियार लेकर जा रहे थे।
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