भोपाल। मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनवाडिय़ों को अब संभारने के लिए अब जनसहयोग जरूरी हैं। जन सहयोग से ही प्रदेश में कुपोषण को खत्म किया जा सकेंगा। भोपाल-इंदौर की तरह अब हर शहर में ठेला चलना चाहिए। गांवों में भी हाथ ठेला निकलना चाहिए। किसानों से गेहूँ, चना और मूंग प्राप्त कर आँगनवाड़ी केन्द्रों को सहयोग किया जाए। सामाजिक संस्थाएँ उत्प्रेरक का कार्य करें। अच्छा होगा यदि सभी स्वैच्छिक संगठन इस महत्वपूर्ण अभियान से जुड़ जाएँ। आँगनवाड़ी केन्द्रों को व्यक्ति और संस्था स्तर पर गोद लेकर बेहतर बनाने का कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने राजधानी में जन अभियान परिषद के कार्यक्रम में कहा कि सीहोर जिले के ग्राम जैत में आँगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले बच्चे कम वजन के थे। समाज के सहयोग से इन केन्द्रों में पौष्टिक खाद्य सामग्री पहुँचाने के अभियान के बाद अब कोई बच्चा अंडर वेट नहीं है। इंदौर और भोपाल नगरों में आँगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चों के लिए खिलौने और अन्य सामग्री एकत्र करने के आहवान पर शानदार परिणाम सामने आए। मैं जब ठेला लेकर निकला तो एक-दो घंटे में जन सहयोग से भोपाल में 10 ट्रक और इंदौर में 40 ट्रक आवश्यक सामग्री से भर गए। यही नहीं भोपाल में एक करोड़ 86 लाख और इंदौर में करीब 06 करोड़ की राशि चेक के माध्यम से दान-दाताओं द्वारा प्रदान की गई। इस राशि से आँगनवाड़ी केन्द्रों को सुविधाजनक बनाने और सँवारने में मदद मिलेगी।
महिला समूहों के कार्य किसी आंदोलन से कम नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूह के कार्य किसी आंदोलन से कम नहीं है। इन समूहों ने अद्भुत कार्य किया है। एक समय था जब मध्यप्रदेश में महिलाएँ परिवार की भूमिका तक सीमित थीं। आज 20 हजार करोड़ रूपये से अधिक का टर्नओवर स्व-सहायता समूहों का है। समूहों की गतिविधियों से महिलाओं ने आर्थिक प्रगति हासिल की है। उनका आत्म-विश्वास भी बढ़ा है। आँगनवाड़ी केन्द्रों को सुविधाजनक बनाने के अभियान में भी महिला वर्ग सहयोग कर रहा है।
स्वैच्छिक सामाजिक संगठनों का जाल बिछाए जन अभियान परिषद
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि समाज सेवा के क्षेत्र में बेहतर सेवाएं देने स्वैच्छिक संगठनों का जाल बिछाने के लिए जन-अभियान परिषद की महत्वपूर्ण और नेतृत्वकारी भूमिका है। परिषद की टीम एक जुनून के साथ समर्पित और मिशन के भाव से कार्य करती है। परिषद के पदाधिकारी इस आग को बुझने न दें। परिषद द्वारा उन संस्थाओं को मंच भी उपलब्ध करवाया जाए, जो विभिन्न क्षेत्रों में सेवा कार्यों के इच्छुक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मध्यप्रदेश में सामाजिक क्षेत्र में अच्छे कार्य हो रहे हैं। जन-अभियान परिषद के मार्गदर्शन में संस्थाएँ आम जनता के हित में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। एक समय था जब इस परिषद के अस्तित्व पर प्रश्न-चिन्ह लगा दिया गया था। परिषद सामाजिक संस्थाओं की अम्ब्रेला है। समर्पण का यह भाव तिरोहित नहीं होना चाहिए। नागरिकों में भी समाज सेवा का जज्बा है। उन्हें एक प्रामाणिक संस्था की आवश्यकता होती है। जन-अभियान परिषद ही सामाजिक संस्थाओं का नेतृत्व बेहतर तरीके से कर सकती है।
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