भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वैदिक जीवन पद्धति पर शोध को आगे बढ़ाने के लिए विशेषज्ञों की राय लेकर रूप-रेखा तैयार की जाए। धर्मशालाओं का रख-रखाव और उपयोग बेहतर हो। इनको सूचीबद्ध भी कर लिया जाए। शासन संधारित मंदिरों का भी रख-रखाव बेहतर हो। चौहान ने मंत्रालय में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग की समीक्षा बैठक ली। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में कार्य-योजना बना कर कार्यक्रम निर्धारित कर लिया जाएँ। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों के पात्र व्यक्तियों को इसका लाभ मिले। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हवाई जहाज से भी मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना का लाभ देने के लिए कार्य-योजना तैयार करें। मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में विभिन्न महत्वपूर्ण स्थलों को जोड़ा जाएँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाशिवरात्रि मेले प्रासंगिक और संस्कार का केन्द्र बनें। ओंकारेश्वर और महाकाल मंदिर परियोजना विश्व-स्तरीय रूप में विकसित हो।
मंदिर बनें संस्कार के केंद्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर हमारे संस्कार के केन्द्र बनें। मंदिरों को उद्देश्यपूर्ण धार्मिक कार्यों से जोड़ा जाए। पुजारियों को प्रशिक्षण दिया जाये। वे पूजा के साथ मानव सेवा का कोई एक कार्य हाथ में लें। ओरछा एवं नलखेड़ा में तीर्थ-यात्री सेवा सदन का निर्माण कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन संधारित मंदिरों के जीर्णोद्धार के कार्य गुणवत्तापूर्ण हों। धार्मिक मेलों की रूप-रेखा बनाई जाए। समाज को प्रेरणा और दिशा देने के लिये कार्यक्रम किए जाएँ।
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