इंदौर। लापरवाही के चलते एमवाय अस्पताल (MY hospital) के गार्डन में इतनी अत्यधिक गाजरघास (carrot grass) फल-फूल रही है कि इसे गाजरघास (carrot grass) का बगीचा (garden) कहा जाए तो गलत नहीं होगा। जबकि यहां मौजूद चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों (dermatologist doctors) का कहना है कि गाजरघास से चर्म रोग ( skin disease) सहित कई अन्य बीमारियां (diseases) फैलाती हैं।
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में मुफ्त में न सिर्फ इलाज होता है, बल्कि कई बीमारियां (diseases) भी फ्री में मिल जाती हैं। एमवाय अस्पताल के गार्डन में कई महीनों से गाजरघास (carrot grass) लगातार बढ़ती चली जा रही है। यहां फल-फूल वाले पेड़-पौधे कम हैं, हर तरफ गाजरघास (carrot grass) ही नजर आती है। यह इतनी ज्यादा फैल गई है कि लोग इसे गार्डन के बजाय गाजरघास (carrot grass) का बगीचा बोलने लगे हैं।
कई चर्म रोग सहित अन्य बीमारियां
चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों के मुताबिक गाजरघास के संपर्क में आने वालों को चर्म रोग, एग्जिमा (eczema), खुजली (itching), एलर्जी , दमा, खांसी जैसी अन्य बीमारियां (diseases) चपेट में ले लेती हैं। डॉक्टरों ( doctors) का कहना है कि यह घास जहां भी हो इससे हमेशा दूरी बनाकर रखें। अपने घर के आसपास इसे पनपने न दें। गाजरघास के अलावा गार्डन में गंदगी और कचरा भी पसरा है।
विदेश से आई है गाजरघास
कृषि वैज्ञानिक (agronomist) व विशेषज्ञों के अनुसार गाजरघास विदेशी घास (exotic grass) है। इसे अमेरिका की घास कहा जाता है। आजादी के बाद भारत को खाद्यान्न संकट के चलते अमेरिका (America) से गेहंू मंगवाना पड़े थे। तब गेहंू के साथ ही गाजरघास के बीज भी आ गए थे।
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