कोलकाता। पूरा देश (country) इस समय कोरोना की महामारी (Corona epidemic) से जूझ रहा है. पिछले करीब दो साल से पूरी दुनिया में छाई इस आपदा ने भारत में लाखों लोगों की जान (Killed millions of people in India) ली है. इसकी एक बड़ी कीमत उन बच्चों (Children) को भी चुकानी पड़ी है जिन्होंने इस वायरस जनित बीमारी के चलते अपने माता-पिता (lost his parents) को खो दिया। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो साल में देश के डेढ़ लाख से ज्यादा बच्चों ने या तो अपने माता-पिता दोनों को अथवा उनमें से किसी एक को खो दिया है। केयर टुडे (CARE TODAY) टीवी टुडे नेटवर्क (TV TODAY NETWORK) के एक कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी प्रोजेक्ट (Corporate Social Responsibility Project) के तहत ऐसे ही कुछ बच्चों का सहारा बना है। उसकी इस पहल में साथ मिला है सेव द चिल्ड्रेन (Save The Children) संस्था का।
इस प्रोजेक्ट के तहत पश्चिम बंगाल के साउथ 24 परगना के मंदिर बाजार और पाथर प्रतिमा ब्लॉक के 66 बच्चों की पढ़ाई और देखभाल का जिम्मा केयर टुडे ने लिया है. ये सभी वे बच्चे हैं जिन्होंने कोरोना या पिछले साल आए भीषण चक्रवाती तूफान यास के चलते अपने माता-पिता को खो दिया और अनाथ हो गए. केयर टुडे का ये प्रोजेक्ट इन बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और मानसिक सेहत के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया कराएगा।
सेव द चिल्ड्रेन की ब्रांड एम्बेसडर अवॉर्ड विनिंग अभिनेत्री, लेखिका और बाल अधिकार कार्यकर्ता नंदना सेन हैं। वे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारत रत्न अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन और पद्मश्री नबानिता देव सेन की पुत्री हैं। नंदना ने इस मौके पर इन बच्चों के साथ भरपूर वक्त बिताया और उनकी पढ़ाई आदि को लेकर उनसे खूब बातचीत की. नंदना ने खुद भी उन बच्चों को कुछ देर तक पढ़ाया।
पश्चिम बंगाल का दक्षिण 24 परगना जिला, विशेष रूप से सुंदरवन का इलाका तबाही की डबल मार से बर्बाद हो गया है। एक तरफ कोविड की लहर तो दूसरी तरफ साइक्लोन यास ने यहां सैकड़ों परिवारों को उजाड़ दिया. नंदना ने केयर टुडे की टीम के साथ इस मौके पर तमाम तूफान पीड़ित और कोविड पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।
उनका हालचाल जाना और उनका इस मुश्किल वक्त में हौसला बढ़ाया. अपने बीच इस लोकप्रिय अभिनेत्री को पाकर लोग बेहद खुश हुए. खासकर बच्चों ने तो इस मौके का जमकर लुत्फ उठाया और नंदना के साथ डांस भी किया।
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