इंदौर। कल चितावद के समीप एक मंदिर प्रांगण में एक व्यक्ति कई जनकल्याणकारी योजनाओं के आवेदन फार्म लेकर उनका पंजीयन कर कार्ड बना रहा था। सूचना मिलने पर दीनदयाल योजना के प्रभारी अफसरों के साथ मौके पर जा धमके और संबंधित से पूछताछ की तो कोई जवाब नहीं मिला। इस पर उसका लैपटॉप जब्त कर लिया गया। अब उसकी छानबीन की जाएगी।
शासन की कई जनकल्याणकारी योजनाओं के आवेदन फार्म विभिन्न स्थानों पर ऑनलाइन बनाने का काम जारी है, लेकिन कई जगह निगम से अनुमति लेकर यह कार्य हो रहे हैं और उसके लिए राशि भी निर्धारित की गई है। कल नवलखा के चितावद में मंदिर प्रांगण में बैठे राहुल रमेश राठौर निवासी चंद्रभागा के बारे में दीनदयाल अंत्योदय योजना प्रभारी मनीष शर्मा (मामा) को सूचना मिली तो वे मौके पर पहुंचे और संबंधित से पूछताछ की कि शासन की योजनाओं का कार्ड बनाने और पंजीयन के लिए वह 1200 रुपए किस आधार पर ले रहे हैं, जबकि अन्य जगह इसका शुल्क नाममात्र है।
कहीं 50 से लेकर 100 रुपए तक शुल्क लेकर योजनाओं के कार्ड बनाए जाते हैं। इस मामले में संबंधित के पास किसी प्रकार की अनुमति या रजिस्ट्रेशन भी नहीं मिला। बाद में जब उससे पूछताछ की तो बताया कि झोन 12 के कुछ अधिकारियोंं के निर्देश पर वह यह कार्य कर रहा था। इसी के चलते इस योजना से संबंधित प्रभारी सुनील वर्मा और कुछ अन्य को मौके पर बुलवाया गया तो उन्होंने संबंधित को इसकी अनुमति देने के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की। शर्मा के मुताबिक उसका लैपटॉप जब्त कर लिया गया है और उसमें दर्ज रिकार्ड के आधार पर मामले की छानबीन होगी। इसमें झोन के निगमकर्मियों के साथ-साथ पूरे मामले की पड़ताल के लिए आला अधिकारियों को कहा गया है। अगर मामला गंभीर निकलता है तो पुलिस को सौंपा जाएगा।
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