इंदौर। सिमरोल के समीप ग्राम कनाड़ में कल देर रात करीब 2 बजे एक भीषण सडक़ हादसा हुआ। इसमें कार आइशर के अंदर जा घुसी, जिससे उसमें सवार इंदौर डीआरपी लाइन में पदस्थ 2 आरक्षकों और उनके 1 साथी की मौत हो गई। सामने से आती आइशर से हुई भिड़ंत के कारण गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। बमुश्किल शवों को बाहर निकाला गया।
पति-पत्नी के विवाद का ऐसे हुआ अंत…रूठी पत्नी को लेने बड़वाह जा रहे पति ने साथियों सहित जान गंवाई
सिमरोल के पास ग्राम कनाड़ में हुई भीषण सडक़ दुर्घटना में कल देर रात मारे गए तीन लोगों में से एक अपनी रूठी पत्नी को मनाने और वापस घर लाने के लिए बड़वाह जा रहा था, लेकिन दोनों के विवाद का अंत ऐसा हुआ कि पति ने अपने दो साथियों के साथ जान गंवा दी।
इंदौर डीआरपी लाइन में पदस्थ आरक्षक कुलदीप पिता राधेश्याम बिरला कई दिनों से रूठी अपनी पत्नी को मनाने और घर लाने के लिए अपने आरक्षक साथी धर्मेंद्र पिता महेशसिंह निवासी बालाघाट और विनोद के साथ कार से बड़वाह जा रहे थे। इसी बीच ग्राम कनाड़ में कार सामने से तेज रफ्तार से आ रही आइशर से जा भिड़ी। भिड़ंत इतनी जोरों से हुई कि गाड़ी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। देहात एसपी भगवतसिंह बिरदे ने बताया कि आरक्षक कुलदीप की पत्नी कुछ दिनों से मायके बड़वाह में रह रही है। उसका कुछ पारिवारिक विवाद चल रहा था।
कुलदीप अपने दोनों साथियों को लेकर ससुराल जा रहा था, तभी रास्ते में हादसा हो गया। घटना की सूचना मिलते ही कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए और शवों को निकालकर महू अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। फिलहाल पुलिस सिमरोल ने मर्ग कायम करते हुए आइशर वाहन जब्त कर उसके चालक को गिरफ्तार कर लिया है। ज्ञात रहे कि कनाड़ के पास पिछले एक साल में पांच सडक़ दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें एक दर्जन से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं।
दोनों आरक्षक पांच साल से डीआरपी लाइन में थे पदस्थ
रक्षित निरीक्षक योगेशसिंह तोमर ने बताया कि आरक्षक धर्मेंद्र तथा कुलदीप वर्ष 2018 से डीआरपी लाइन में पदस्थ थे। पांच साल की सेवा के दौरान उनकी कभी शिकायत नहीं रही। कुलदीप के बारे में बताया जा रहा कि उसकी पत्नी विवाद कर मायके चली गई थी, जिसको लेकर वह परेशान रहता था।
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