भोपाल। मप्र में शराब बंदी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) द्वारा लट्ठ लेकर सड़क पर उतरने के बयान का भाजपा में तीखा असर हुआ है। पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी (Kaptan Singh Solanki) ने उमा भारती के बयान को हिंसा का हिस्सा बताते हुए कहा है कि लोकतंत्र जनमत से चलता है लट्ठ से नहीं। दूसरी ओर उमा भारती का कहना है कि मुझे लट्ठ शब्द प्रयोग करने का कोई रंज नहीं है। इधर बताया जाता है कि उमा भारती के बयान और मुहिम को लेकर भाजपा का कोई बड़ा नेता उनके साथ नहीं है।
उमा भारती पिछले लंबे समय से राजनैतिक बियाबान में हैं। संगठन में उनकी कोई पूछ परख नहीं है। उपेक्षित उमा भारती पिछले कुछ माह से मप्र में शराब बंदी को लेकर बयान बाजी करती रही हैं। पहले भी उन्होंने शराब बंदी को लेकर आंदोलन चलाने की घोषणा की थी। बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) उनके घर हो आए तो उन्होंने अपने बयान से पल्ला झाड़ लिया था। दो दिन पहले उमा भारती फिर से सक्रिय हुईं हैं। उन्होंने प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी को लेकर एक जनवरी से सड़क पर उतरने की घोषणा की है। उमा भारती का कहना है कि वे लट्ठ लेकर शराब बंदी कराएंगी। प्रदेश भाजपा के किसी भी नेता ने उमा भारती के बयान का समर्थन नहीं किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा (State BJP President VD Sharma) ने सिर्फ इतना कहा है कि उमा भारती से चर्चा करके वे कोई कार्यवाही करेंगे। प्रदेश भाजपा के दिग्गज नेता रहे पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने उमा भारती के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा है कि लोकतंत्र जनमत से चलता है लट्ठ से नहीं। यह हिंसा का हिस्सा है। कानून से भय पैदा किया जा सकता है, विचार नहीं बदले जा सकते। संस्कारों से विचार बदलने की जरूरत है।
उमा – कप्तान में पहले से खटास
मप्र की राजधानी में उमा भारती और कप्तान सिंह सोलंकी के संबंध पहले से ही खटास भरे हैं। उमा भारती को हटाकर बाबूलाल गौर को मुख्यमंत्री बनाने में कप्तान सिंह सोलंकी की अहम भूमिका थी। उमा भारती और उनके समर्थकों को लगता है कि उन्हें सीएम की कुर्सी से हटवाने में कप्तान सिंह सोलंकी ने मुख्य भूमिका निभाई थी।
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