नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम भले ही फाइनल में पहुंचने से चूक गई, भले ही 44 साल बाद वो ओलंपिक गोल्ड जीतने से चूक गई लेकिन एक बार फिर टीम इंडिया ओलंपिक से मेडल जीतकर की लौटी है. टीम इंडिया ने एक रोमांचक ब्रॉन्ज मेडल मैच में स्पेन को 2-1 से हरा दिया और इसके साथ ही लगातार दूसरे ओलंपिक में ब्रॉन्ज अपने नाम कर लिया. टीम इंडिया की इस जीत के स्टार रहे कप्तान हरमनप्रीत सिंह, जिन्होंने टीम इंडिया के लिए दोनों गोल किए. इस तरह टोक्यो ओलंपिक के बाद भारतीय टीम पेरिस से भी ओलंपिक ब्रॉन्ज जीतकर लौटी है और कप्तान हरमनप्रीत ने इसमें अपनी हॉकी स्टिक से गोल की बारिश कर सबसे अहम भूमिका निभाई है. इस पूरे ओलंपिक में टीम इंडिया के दमदार प्रदर्शन के कुछ खास किरदार रहे.
भारत के लिए आखिरी बार खेल रहे दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने पूरे टूर्नामेंट में दीवार की तरह मोर्चा संभाले रखा, जबकि उनके साथ बाकी डिफेंडर्स ने भी गोल का डटकर बचाव किया. लेकिन जीत के लिए गोल बचाने के साथ ही गोल करना भी जरूरी होता है और ये दोनों काम एक साथ किए टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने. पहली बार ओलंपिक में भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे हरमनप्रीत सिंह ने आगे बढ़कर अपने दमदार प्रदर्शन से टीम का नेतृत्व किया, जिसका नतीजा टीम की सफलता में भी दिखा. इसके साथ ही हरमनप्रीत सिंह ने वो हैरतअंगेज कारनामा भी किया जो ओलंपिक में आसान नहीं है.
ग्रुप स्टेज के पहले मैच से ही हरमनप्रीत ने टीम की जीत में अपनी विस्फोटक ड्रैग फ्लिक से योगदान दिया. टीम के पेनल्टी कॉर्नर स्पेशलिस्ट हरमनप्रीत ने ग्रुप स्टेज के 5 में से 4 मैचों में (पहले, दूसरे, तीसरे और पांचवें) गोल किए. इसके बाद उन्होंने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया, सेमीफाइनल में जर्मनी और ब्रॉन्ज मेडल के मैच में स्पेन के खिलाफ भी गोल दागे. स्पेन के खिलाफ कप्तान ने टीम के लिए दो गोल जड़े. इस तरह भारतीय कप्तान ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान सभी टीमों में सबसे ज्यादा 10 गोल किए.
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