भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 15 नवंबर को राजधानी के जंबूरी मैदान में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस समारोह (Tribal Pride Day Celebrations) को संबोधित करने के लिए भोपाल आ रह हैं। मोदी के स्वागत के लिए पूरी तैयारी हो चुकी हैं। प्रदेश में पहली बार जनजातीय वर्ग का इतना बड़ा आयोजन हो रहा है। जिसमें करीब ढाई लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ उमडऩे की संभावना है। ऐसे में राजधानी जनजातीय रंग में रंग रही है। जगह-जगह आदिवासियों की पारंपरिक त्यौहार, नृत्य, खानपान और अन्य परंपराओं से जुड़े स्टॉल, चित्र उकेरे गए हैं। साथ ही भाजपा सरकार ने भोपाल में राजा भोज के बाद रानी कमलापति को भी पहचान दे दी है। अब राजधानी का हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति कर दिया है। मप्र सरकार (MP Government) के परिवहन विभाग के प्रस्ताव पर रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को ही नाम बदलने की मंजूरी दे दी है। अब सोमवार से रानी कमलापति स्टेशन (Rani Kamalapati Station) से यात्रा शुरू हो जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी जनजाति गौरव दिवस समारोह (Tribal Pride Day Celebrations) में भारत सरकार की ओर से आदिवासियों के लिए बड़ी घोषणा भी कर सकते हैं। इसको लेकर मप्र सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय और भारत सरकार के जनजाति मंत्रालय के बीच लगातार पत्राचार चल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने 18 सितंबर को जबलपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) की मौजूदगी में आदिवासी वर्ग को लेकर कई घोषणाएं की थी। मप्र सरकार उन घोषणाओं पर अमल कर चुकी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) 15 नवंबर को इसका ऐलान कर सकते हैं। साथ ही आदिवासी शिक्षा, विकास एवं रोजगार को लेकर भी मप्र सरकार ने प्लान तैयार किया है। जिसका ऐलान भी किया जाएगा।
प्रधानमंत्री भोपाल में करीब 4 घंटे रुकेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 नवंबर के मेगा शो की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। मोदी की एयरपोर्ट पर अगवानी आदिवासी संस्कृति के साथ होगी। प्रधानमंत्री भोपाल में करीब 4 घंटे रुकेंगे। प्रधानमंत्री करीब 12.30 बजे भोपाल एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां से जंबूरी हेलीपैड जाएंगे। वहां कार्यक्रम में शिरकत कर बीयू हेलीपैड पहुंचेंगे। वहां से हबीबगंज रेलवे स्टेशन का लोकार्पण करने पहुंचेंगे। रेलवे स्टेशन का शुभारंभ दोपहर 3.00 बजे रखा गया है। 4.30 बजे तक वे भोपाल एयरपोर्ट से रवाना हो जाएंगे। उनके आने के लिए भी बीयू और जम्बूरी मैदान में हेलीपैड तैयार हो चुके हैं। यही नहीं प्रधानमंत्री भोपाल की जिन सड़कों से गुजरेंगे वहां आदिवासी संस्कृति की झलक नजर आएगी इसके लिए प्रमुख चौराहों को आदिवासी समुदाय के नेताओं के कटआउट व आदिवासी संस्कृति से सजाया गया है। सड़क किनारे दीवारों पर आदिवासी गोंड समाज की कलाकृतियों की पेंटिंग की गई है।
पांच मंत्रियों को सौंपी जिम्मेदारी
सरकार ने मोदी की अगवानी के लिए पांच मंत्रियों को जिम्मा सौंपा है। भोपाल एयरपोर्ट पर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, जंबूरी हेलीपैड पर सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया, जंबूरी के कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, बीयू हेलीपैड पर नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग और हबीबगंज पर संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर मोदी की अगवानी करेंगे। सभी जगह पर आदिवासी वेशभूषा में लोग रहेंगे मंत्रीगण भी साफा बांधेंगे।
इन जननायकों की दिखेगी झलक
बिरसा मुंडा, टंट्या भील, रानी दुर्गावती, सीताराम कंवर, टुरिया शहीद मुड्डे बाई, मंशु ओझा, राजा शंकर शाह, खाज्या नायक आदि आदिवासी जननायकों के पोस्टर लगे हैं। वहीं, मंच पर भी जननायकों की झलक देखने को मिलेगी। आकर्षक पेंटिंग बनाई गई है। जंबूरी मैदान के आसपास गोंड पेंटिंग भी दिखाई देगी। तरह-तरह की आकर्षक पेंटिंग के फ्लेक्स चारों ओर लगाए गए हैं। इसके अलावा क्च (बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी) की की बाउंड्रीवॉल पर भी गोंड पेंटिंग बनाई गई है। जंबूरी मैदान से करीब 500 मीटर दूर मुख्य गेट बनाया गया है। जहां से आदिवासी समुदाय समेत अन्य लोगों की इंट्री होगी। यही पर बड़ा गेट बना है। जिस पर भी आदिवासी जननायकों की तस्वीरें हैं।
जनजातीय वेशभूषा में पहुंचेंगे आदिवासी
आदिवासी समूह में ढोल और मांदल पर थिरकते हुए नजर आएंगे। वहीं वे जनजातीय वेशभूषा में पहुंचेंगे। इनमें पुरुष धोती-कुर्ता, पगड़ी और महिलाएं चोला-लहंगे, ओधनी एवं परंपरागत जेवरों में रहेंगी। मंच पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पारंपरिक आदिवासी पगड़ी पहनाई जाएगी।
एसपीजी ने सुरक्षा व्यवस्था संभाली
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए जिलों से पुलिस फोर्स भोपाल बुलाया गया है। एसपीजी टीम ने शुक्रवार से सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाल लिया। ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाए जाने के लिए 1200 से अधिक का बल लगाया गया है।
कार्यक्रम में आने वालों को टोल से छूट
प्रधानमंत्री के जंबूरी मैदान पर होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने वाले मेहमानों के स्वगत की जिम्मेदारी 19 जिलों के कलेक्टर को दी गई है। कार्यक्रम में आने वालों के वाहनों को टोल नहीं देना होगा।
200 डॉक्टर रहेंगे हाई अलर्ट पर
15 नवंबर के भोपाल में प्रधानमंत्री के साथ नेताओं से लेकर अधिकारियों, भाजपा कार्यकर्ता और आदिवासी मेहवानों समेत करीब 4 लाख लोगों के आने की उम्मीद है। इसे देखते हुए करीब 200 डॉक्टरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सिर्फ जंबूरी मैदान पर ही 90 डॉक्टरों की ड्यूटी रहेगी। मेहमानों के लिए एमरजेंसी में 25 जगहों पर डॉक्टर और 57 एंबुलेंस तैनात रहेंगी।
हबीबगंज पर हर यात्री की जांच होगी
भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का 15 नंबर को उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। उनकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए स्टेशन पर लोगों की एंट्री-एग्जिट से लेकर ट्रेनों के प्लेटफार्म में बदलाव किया गया है। यात्रियों के लिए यह जानना जरूरी है कि पूरा स्टेशन कड़ी सुरक्षा घेरे में है। ऐसे में उन्हें शनिवार यानी 13 नवंबर से 15 नवंबर तक सुरक्षा जांच से गुजरना होगा। स्टेशन में प्रवेश के लिए यात्रियों के पास प्लेटफार्म टिकट या यात्रा टिकट होना अनिवार्य है। इसके साथ ही यात्री पहचान के लिए अपने साथ परिचय पत्र यानी वोटर कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या पेन कार्ड जरूरी लेकर चलें। सुरक्षाकर्मियों के निर्देशों का पालन जरूरी करें। यात्रियों के सामान की जांच स्कैनर से होगी। जांच के बाद ही यात्री सामान अंदर ले जा सकेंगे।
सिर्फ पांच नंबर प्लेटफार्म से ही एंट्री-एग्जिट
अगले तीन दिन तक सिर्फ प्लेटफार्म नंबर- से ही एंट्री और एग्जिट रहेगा। इसलिए हबीबगंज स्टेशन पर जाने वाले यात्री प्लेटफार्म नंबर-5 का उपयोग करें। इस दौरान वाहनों के पार्किंग की सुविधा प्लेटफॉर्म नंबर-5 की ओर उपलब्ध रहेगी। स्टेशन प्रवेश द्वार के पास उपलब्ध पार्किंग के अतिरिक्त बाईं ओर स्थित ओल्ड कंस्ट्रक्सन (पुराना निर्माण) कार्यालय परिसर में भी पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
पीएम को अमृत माटी कलश भेंट किया जाएग
कलश में आजादी में बलिदान देने वालों से जुड़े 75 स्थानों की मिट्टी होंगी; बिरसा मुंडा की जंयती पर 15-22 नवंबर तक प्रदेश भर में कार्यक्रम होंगे। शहीद बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होगे। मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने प्रदेश कार्यालय में मीडिया को जनजातीय गौरव कार्यक्रम की तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री को अमृत माटी कलश भेंट किया जाएगा। इस कलश में प्रदेश के 75 चयनित स्थानों जहां पर आजादी के लिए अपना बलिदान देने वाले महापुरूषों की जन्मभूमि, बलिदान भूमि एवं उनके जीवन से जुड़े स्थानों की माटी शामिल होगी। 15 नवंबर को होने वाले जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम की तैयारियां अंतिम चरणों में है। प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों से लाखों की संख्या में जनजातीय भाई बंधु अपनी सांस्कृतिक परंपरा और पारंपरिक वेशभूषा के साथ गौरव दिवस के कार्यक्रम में शामिल होंगे। सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 15 नवंबर भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। यह प्रसन्नता का विषय है कि भारत सरकार ने भी पूरे देश में बिरसा मुंडा की जयंती को 15 नवंबर से पूरे सप्ताह मनाने का निर्णय लिया है। सप्ताह भर प्रदेश भर में भी कार्यक्रम होंगे जो कि प्रतिवर्ष चलाया जायेगा।
आदिवासी परंपरा से होगा प्रधानमंत्री जी का स्वागत
सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 नवंबर को दोपहर 12.33 बजे राजाभोज विमानतल पहुंचेंगे। यहां से प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर द्वारा जंबूरी मैदान पहुंचेंगे। जंबूरी मैदान में जनजातीय भाई बहन पारंपरिक समूह नृत्य के माध्यम से प्रधानमंत्री अगवानी करेंगे। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान बिरसा मुंडा एवं जनजातीय समाज के क्रांतिकारियों पर केन्द्रित प्रदर्शनी का उदघाटन करेंगे। साथ ही जनजातीय बहनों के सेल्फ हेल्प ग्रूप द्वारा तैयार किए गए उत्पादों के स्टॉल का अवलोकन करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मुख्य मंच पर पधारेंगे। प्रधानमंत्री के मंच पर आते ही कार्यक्रम स्थल में अलग अलग स्थानों पर पारंपरिक वेशभूषा में तैयार कलाकार पारंपरिक नृत्यों एवं वाद्य यंत्रों के माध्यम से उनका स्वागत करेंगे। सिंह ने बताया कि कार्यक्रम के पश्चात हेलीकॉप्टर द्वारा बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी स्थित हेलीपेड पहुंचेंगे। यहां से सड़क मार्ग द्वारा रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पहुंचकर कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री शाम 4 बजे राजाभोज विमानतल से प्रस्थान करेंगे।
12 शहरों में आंगुतकों की व्यवस्था
सिंह ने बताया कि जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में प्रदेश के सभी स्थानों से जनजातीय बंधु शामिल होने भोपाल आ रहे है। उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए बेहतर व्यवस्थाएं की गयी है। भोपाल शहर के आसपास 12 शहरों में गौरव दिवस में शामिल होने वाले आंगतुकों के ठहरने और भोजन, चाय की व्यवस्था की गयी है। आंगतुक कार्यक्रम की पूर्व रात्रि विश्राम करेंगे एवं सुबह कार्यक्रम स्थल के लिए रवाना होंगे।
सामाजिक संगठन करेंगे जनजातीय बंधुओं का स्वागत
सिंह ने कार्यक्रम की वृहद तैयारियों के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि राजधानी में होने वाला गौरव दिवस कार्यक्रम ऐतिहासिक होगा। इस कार्यक्रम को लेकर सभी समाज और वर्गों में उत्साह का वातावरण है। विभिन्न सामाजिक संगठन और स्वयंसेवी संगठन 15 नवंबर के कार्यक्रम में शामिल होने भोपाल आ रहे जनजातीय बंधुओं का स्नेहपूर्वक स्वागत करेंगे।
जगह-जगह गौरव द्वार, फ्लेक्स
कार्यक्रम के लिए जगह-जगह गौरव द्वार, फ्लेक्स और जनजातीय वीरों के चित्र लगाए गए है। चौराहों को सजाया गया है। पार्टी के जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता भी जनजातीय भाई बहनों की अगवानी करेंगे। प्रमुख चौराहों पर जनजातीय समाज के भाई बहन पारंपरिक वेशभूषा में दिखायी देंगे। उन्होंने बताया कि जंबूरी मैदान में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गौरव दिवस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे तब प्रदेश की सभी पंचायतों में इसका सीधा प्रसारण होगा। लगभग 2 करोड़ लोग वर्चुअली इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे।
11 जिलों के आदिवासी भोपाल में बिताएंगे रात
मध्यप्रदेश के 11 जिलों के लगभग 27 हजार आदिवासी जनजातीय सम्मेलन से शामिल होने के लिए 14 नवंबर की रात में ही भोपाल आ जाएंगे। इन्हें 25 कॉलेज-स्कूल कैम्पस में ठहराया जाएगा। आदिवासियों के लिए सरकार रजाई-गद्दे भी बिछाएगी। उन्हें ठंड से बचाने के लिए रजाई के साथ कंबल भी दिया जाएगा। आदिवासियों की प्रस्तावित संख्या के हिसाब से 27 हजार जोड़ी रजाई-गादी और कंबल की व्यवस्था में अफसरों को पसीना भी बहाना पड़ा। कई टेंट संचालकों से संपर्क करने के बाद व्यवस्था जुटाई गई है। दावा है कि आदिवासियों के खाने-पीने से लेकर आराम करने तक में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
शाम तक आ जाएंगे आदिवासी
आदिवासी रविवार की शाम को ही भोपाल में आ जाएंगे। उन्हें सीधे स्कूल-कॉलेज कैम्पस में ले जाया गया। जहां के कमरों या हॉल में ठहराया जाएगा। खुले में किसी को भी रात नहीं बीताने दी जाएगी। 15 नवंबर की सुबह चाय-नाश्ते और खाने के पैकेट के साथ उन्हें बसों के जरिए जंबूरी मैदान ले जाया जाएगा।
इन जिलों से आएंगे आदिवासी
भोपाल में उमरिया, नरसिंह, बालाघाट, डिंडौरी, मंडला, झाबुआ, नीमच, सिवनी, कटनी, खरगोन और अलीराजपुर के करीब 27 हजार आदिवासी आएंगे। ये यही पर रात रुकेंगे। भोपाल के अलावा सीहोर, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, होशंगाबाद, देवास और इंदौर में भी आदिवासियों को 14 नवंबर की रात में ठहराया जाएगा। 15 नवंबर की सुबह होते ही उन्हें बसों से भोपाल के जंबूरी मैदान पर ले जाया जाएगा।
मेहमानों का स्वागत बैंड-बाजे से
भोपाल के जंबूरी मैदान में 15 नवंबर को जनजातीय महासम्मेलन के लिए मेहमानों के खान-पान का विशेष ध्यान रखा गया है। कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से आने वाले इन मेहमानों के लिए इस बार दाल-चावल के साथ पुड़ी-सब्जी दी जाएगी। अब तक इस तरह के कार्यक्रम में शामिल होने वाले मेहमानों के लिए पुड़ी-सब्जी के पैकेट दिए जाते थे। यह पैकेट कार्यक्रम स्थल पर ही बांटे जाते थे। पिछले कुछ कार्यक्रम में सभी को खाना नहीं मिल पाने की शिकायतें आई थीं। इसी कारण इस बार जहां भी यह मेहमान रुकेंगे, वहां प्रमुख संस्थाएं कलेक्टर के निर्देश पर खाने का इंतजाम करेंगी। भोपाल में करीब 27 हजार लोगों के रहने के इंतजाम किए गए हैं। उनके स्वागत के लिए करीब 500 अधिकारी लगाए गए हैं।
स्कूल और गेस्ट हाउस में रुकेंगे
मेहमानों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। इनके आराम के लिए शहर के सरकारी स्कूलों के साथ प्राइवेट स्कूल, कॉलेजों के गेस्ट हाउस में व्यवस्था की गई है। यहां आराम करने से लेकर खाने तक की सुविधा यहीं दी जाएगी। इनके खाने के लिए शहर की 21 संस्थाएं आगे आईं हैं। इन्होंने 27 हजार आदिवासी की मेहमान नवाजी की जिम्मेदारी ली है। मेहमानों के लिए चाय से लेकर उनके खान-पान का विशेष इंतजाम करेंगे।
यह करेंगे स्वागत-सत्कार का इंतजाम
पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि हम अपनी स्वेच्छा से मेहमानों का स्वागत का इंतजाम करेंगे। शहर के सभी प्रमुख एसोसिएशन को एक-एक हजार लोगों के स्वागत की जिम्मेदारी है। भोपाल यह रात 8 बजे पहुंचेंगे। सबसे पहले बैंड-बाजे और तिलक लगाकर उनका स्वागत किया जाएगा। इसके बाद चाय नाश्ते और खाने की व्यवस्था की जाएगी। इसी तरह अन्य एसोसिएशन भी एक-एक हजार लोगों का स्वागत करेंगे।
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