- खंडवा लोकसभा उपचुनाव
- दिवंगत नंदकुमारसिंह चौहान के पुत्र हर्ष भी पहले नंबर पर दावेदार, मोघे-चिटनीस भी पीछे नहीं
इंदौर। खंडवा लोकसभा (Khandwa Lok Sabha) और दूसरी विधानसभा ( Second Assembly) में होने वाले उपचुनाव (By-election) में मोघे और चिटनीस को संगठन (Organization,) द्वारा जवाबदारी नहीं देने के मामले में भाजपा (BJP) के राजनीतिक गलियारों में चर्चा चलती रही कि पार्टी (Party) दोनों में से एक को टिकट (Ticket) दे सकती है, इसलिए उन्हें कहीं और की जवाबदारी नहीं सौंपी गई है। हालांकि यहां से नंदू भैया के पुत्र हर्ष चौहान दावेदारी में पहले नंबर पर आ गए हैं और पार्टी के ही कुछ बड़े नेताओं का कहना है कि दमोह जैसी हार को रोकना है तो हर्ष को ही टिकट देना पड़ेगा।
भाजपा(BJP) और कांगे्रस(Congress) की ओर से अब खंडवा लोकसभा (Lok sabha) और रैगांव, पृथ्वीपुर तथा जोबट विधानसभा में उपचुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं और राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है। रविवार को भाजपा संगठन ने चारों उपचुनावों के लिए प्रभारियों की घोषणा कर दी। इसमें वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ एक-एक मंत्री को प्रभार दिया गया है। इंदौर के भी कई बड़े नेताओं को खंडवा लोकसभा की अलग-अलग विधानसभाओं की जवाबदारी सौंपी गई है, लेकिन कृष्णमुरारी मोघे और अर्चना चिटनीस को जवाबदारी नहीं देना कई भाजपा नेताओं के गले नहीं उतर रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों नेताओं में से किसी एक को खंडवा लोकसभा उपचुनाव में भाजपा अपना उम्मीदवार बना सकती है। वैसे दोनों नेता ही खंडवा से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर कर चुके हैं और अर्चना चिटनीस इस सीट पर अपना हक बता रही हैं, जबकि मोघे भी यहां से लड़ने की इच्छा व्यक्त कर चुके हैं और क्षेत्र में सक्रिय बने हुए हैं। हालांकि यहां से पार्टी दिवंगत नंदकुमारसिंह चौहान के पुत्र हर्ष चौहान के नाम पर भी विचार कर रही है। दमोह में जिस तरह से सेबोटेज के कारण भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है, कहीं ऐसा न हो कि खंडवा में भी यही स्थिति आ पड़े। हर्ष अपनी दावेदारी बड़े नेताओं के सामने जता चुके हैं। हालांकि भाजपा खंडवा उपचुनाव के मामले में अब किसी प्रकार की रिस्क नहीं लेना चाहती, इसलिए लगभग माना जा रहा है कि हर्ष चौहान को यहां से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। हालांकि इसकी घोषणा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद ही की जाएगी।