नई रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी भाजपा
भोपाल। वर्ष के अंत में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) को लेकर भाजपा (BJP) बदली रणनीति के तहत मैदान में उतरेगी। पिछले दिनों दिल्ली (Delhi) में हुई भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) को लेकर हुए मंथन में यह बात सामने निकलकर आई कि खराब छवि वाले उम्रदराज, 3 बार से अधिक विधायक रह चुके विधायकों को उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा।
बैठक के पहले पार्टी आलाकमान चुनाव पर मंथन करने के लिए 3 मुद्दों पर फीडबैक बुलाया था, जिसमें सरकार को लेकर मतदाताओं का क्या रुख है, साथ ही मंत्रियों के प्रति जनता की राय और क्षेत्रीय विधायकों से लोग कितने संतुष्ट हैं, पर चर्चा की गई। इन तीनों मुद्दों पर मंथन करने के बाद चुनाव में टिकटों का वितरण किया जाएगा। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार को देखते हुए भाजपा (BJP) मप्र में इस बार टिकट वितरण को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए गुजरात फार्मूले के तहत टिकटों का वितरण करेगी।
जिनकी छवि अच्छी नहीं वे दो माह पहले चुनाव नहीं लडऩे का ऐलान करें
सूत्रों की मानें तो पार्टी की सबसे ज्यादा नजर तीन बार से ज्यादा बार के विधायकों, 60 पार कर चुके नेताओं और उन खास लोगों पर है, जिनके चलते पार्टी को नुकसान की आशंका है। पार्टी में यह भी राय बन रही है कि जिन नेताओं की छवि अच्छी नहीं है या जनता में नाराजगी है, उनसे चुनाव से लगभग दो माह पहले ही यह ऐलान करा दिया जाए कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। ऐसा करने पर एंटीइंकम्बेंसी को कम किया जा सकेगा। इसके बाद तीन बार के विधायकों और अन्य पर फैसला हो। इसमें पार्टी को बगावत की आशंका है, मगर पार्टी जोखिम लेने को तैयार है। इसकी भी वजह है, क्योंकि पार्टी को इतना भरोसा है कि जिनके टिकट कटेंगे, उनमें से मुश्किल से पांच फीसदी ही नेता ऐसे होंगे, जो दलबदल करने का जोखिम लेंगे।
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