भोपाल। प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहद निम्न गुणवत्ता का है। शिक्षकों के बेहद कमी है। इसके बावजूद भी सरकार शिक्षकों की कमी को पूरा करने को तैयार नहीं है। शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्?तीर्ण कर चुके अभ्यर्थी अब भी बेरोजगार हैं। उन्हें दो साल बाद भी नियुक्ति नहीं मिल पाई है। स्कूल शिक्षा विभाग एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के शासकीय स्कूलों में उच्च एवं माध्यमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा एक फरवरी 2019 से 10 मार्च 2019 तक संयुक्त रूप से आयोजित की गई थी। दो वर्ष के बाद भी स्थाई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को अभी तक पूर्ण नहीं किया गया है। लगभग 30,574 भावी शिक्षकों को अपनी नियुक्ति का इंतजार है। इस संबंध में मप्र शिक्षक पात्रता संघ की ओर से कुछ पात्र अभ्यर्थियों ने पीईबी में जाकर अधिकारियों को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में लिखा है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 17,000 एवं माध्यमिक शिक्षकों के 5,670 पदों पर, जबकि आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 2,220 एवं माध्यमिक शिक्षकों के 5,704 पदों के लिए पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी। पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों द्वारा संबंधित अधिकारियों व स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक को कई बार ज्ञापन सौंपे गए एवं राजधानी में धरना-प्रदर्शन भी किए गए, लेकिन अभी तक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया संपन्?न नहीं हो पाई है, जिससे पात्र अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश है।
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