सिरोंज। 13 जुलाई को नगर पालिका परिषद के अंतर्गत आने वाले 20 वार्डों में चुनाव संपन्न होंगे वार्ड मतदाता भी साथ मन से वोट डाल देंगे क्योंकि खुलकर मतदाता किसी भी पार्टी का समर्थन करते हुए दिखाई नहीं दे रहा है दोनों पार्टियों के उम्मीदवार मतदाताओं को रिझाने के लिए सभी तरह के प्रयास कर रहे हैं जितने पास चुनाव की तारीख आती जा रही है उस हिसाब से ही उम्मीदवार सक्रिय होते हुए नजर आ रहे हैं । चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी के अलावा कई निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी ताल ठोक चुनाव जीतने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं।जिसके कारण दोनों मुख्य विपक्षी दलों के उम्मीदवारों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी के द्वारा वार्ड क्रमांक 21 से ऐसी उम्मीदवार को टिकट दिया गया है जिसका नाम सट्टा खिलाने के लिए चर्चाओं में रहता है, सट्टा किंग की चर्चाएं इस क्षेत्र के मतदाताओं के पास पहुंच रही है विपक्ष के उम्मीदवार इस बात को हवा भी दे रहा है । मतदाताओं ने बताया कि यदि हमने भाजपा के उम्मीदवार को चुनाव जिता दिया तो वहां वार्ड में भी सट्टे खुलवाने का काम करवा सकते हैं। इसीलिए इस बार से भाजपा के उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी दबी जुबान में कई भाजपा कार्यकर्ता भी इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं, पर उनकी बात को दरकिनार किया गया है, मजबूरी में हल्के मन से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं।
5 साल नहीं की सेवा चुनाव आते ही नेताजी जोड़ा रहे है हाथ
चुनाव जीतने के बाद कई पार्षदों ने अपने-अपने वार्डों में निर्माण कार्य करवाने के लिए गंभीरता से काम नहीं किया जिसके कारण इन बातों के मतदाता भी आंखों से दिखाई दे रहे हैं। शहर के अधिकांश वार्डों में रहने वाले लोगों को सड़क, नाली, पानीपानी की पाईप लाईन, सफाई तथा पानी निकासी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इन वार्डों में ज्यादा समस्याएं हैं क्रमांक 2,3,4,6,10,13,14,15,20 एवं 21 शामिल है जहां पर मतदाताओं में पार्षदों के खिलाफ आक्रोश देखने को मिल रहा है। कई बार वार्डों के मतदाताओं ने निर्माण कार्य नहीं होने पर वोट नहीं डालने का निर्णय लिया है ।जिसके बाद उनको मनाने का काम दावेदारों के द्वारा किया जा रहा है । मतदाताओं का कहना है कि चुनाव के दौरान वोट मांगने के लिए नेताजी नीचे गर्दन करके आते हैं और चुनाव जीतने के बाद ऊंची गर्दन करते हमारी बात को सुनते ही नहीं है, अवैध कॉलोनी बताकर काम नहीं करवाते हैं और चुनाव में वोट मांगते समय सभी क्षेत्र में काम करवाने की बात करते हैं। इस बार ऐसे उम्मीदवारों को सबक सिखाने की बात भी कई मतदाताओं के द्वारा कही जा रही है प्रचार के दौरान कई उम्मीदवारों को मतदाताओं के आक्रोश का भी सामना करना पड़ रहा है कुछ मतदाता तो खरी खोटी सुना कर इनको चलता कर देते हैं पर नेताजी मजबूरी में इनकी बात सुनकर वोट की अपील कर रहे हैं। अब देखना है कि काम नहीं करवा कर फिर से वोट मांगने वाले उम्मीदवारों को मतदाता कितना पसंद करते हैं।
निर्दलीय बिगाड़ सकते हैं खेल
नगर पालिका चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर कई निर्दलीय उम्मीदवारों चुनावी समर में शामिल हो गए हैं जो भाजपा कांग्रेस से लड़ रहे प्रत्याशियों की मुश्किलें रहे हैं। वार्ड क्रमांक 1 से कांग्रेस पार्टी से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर रामदयाल विश्वकर्मा निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं ।जिसके कारण कांग्रेस के दावेदार की मुश्किलें बड़ी हुई है वार्ड क्रमांक 20 से समाजवादी पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार उतारकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है, 21 से कमलेश पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारकर चुनाव को रोमांचक बना दिया है। वार्ड क्रमांक 10,4,5,7 के अलावा कई अन्य वाडो से भी से भी निर्दलीय दावेदार जोर आजमाइश कर रहे हैं ।
पार्षद ही बनाएंगे अध्यक्ष नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी का फैसला पार्षदों के माध्यम से ही होगा इसीलिए इस बार पार्षदों की ज्यादा वैल्यू होगी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा अन्य पार्टी व निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीतकर आते हैं तो उनकी सुनवई इस बार हर साल की तुलना में ज्यादा होगी दोनों पार्टियां अपना अपना अध्यक्ष बनाने के लिए निर्दलीय चुनाव जीत कर आने वाले पार्षदों को अपने पाले में लाने के लिए सभी तरह का प्रयास भी करेंगे दूसरी ओर दोनों पार्टियों से चुनाव जीत कर आने वाले पार्षदों की वैल्यू भी हर बार की तुलना में इस बार ज्यादा हो सकती है।
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