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कैंसर का इलाज है संभव, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ, और क्या है इसके बचाव के तरीके

February 04, 2023

इंदौर। विश्व में हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे (World Cancer Day) मनाया जाता है। लोगों को इस बीमारी की पहचान, लक्षण और रोकथाम  के बारे में जानकारी दी जाती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल करीब 10 मिलियन लोगों की मौत कैंसर के कारण होती है, लेकिन लाइफस्टाइल में बदलाव, नियमित जांच और इस बीमारी के शुरूआती लक्षण को पहचान कर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को मात दिया जा सकता है।

कैंसर (Cancer) जैसी गंभीर बीमारी के बारे में सोचकर ही अक्सर लोग डर जाते हैं, आंखों के सामने दो पल को अंधेरा सा छा जाता है। ऐसे में बीमार व्यक्ति और उसका परिवार हर वो कोशिश करता है जिससे उसका जीवन बच सके। क्या वो सावधानियां हैं जिनसे कैंसर जैसी बीमारी से बचाव संभव है, और किस तरह की जीवनशैली अपनाकर हम इससे बच सकते हैं। इसके बारे में विस्तार से बताया मेदांता अस्पताल इंदौर की गायनिकोलॉजिस्ट और ऑनकोलॉजिस्ट सर्जन डॉक्टर (Gynecologist and oncologist surgeon of Medanta Hospital Indore) नम्रता कछरा (Dr. Namrata Kachra) ने। डॉ. नम्रता को 35 सालों का चिकित्सकिय अनुभव हैं इसके साथ-साथ वे इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च कैंसर (IARC) जेनेवा में प्रसिद्ध डॉक्टर शंकर नारायण के साथ भी कार्यरत रह चुकी हैं। हमने उनसे कैंसर जैसी घातक बीमारी के बारे में कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे जिसका जवाब उन्होंने दिया…

सवाल- कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी से कैसे मुकाबला किया जा सकता है ?

जवाब – कैंसर बिल्कुल भी लाइलाज बीमारी नहीं है, इसका इलाज संभव है, बस लोगों में सतर्कता की कमी है। महिलाएं अपनी समस्या बताने में झिझक महसूस करती है, बता भी दे तो घर के पुरुष उनकी समस्या को हल्के में ले लेते हैं जिसके कारण समस्या बड़ी बन जाती है।

सवाल-  हाल ही में कैंसर से जुड़े कई मामले सामने आने लगे हैं इसका बढ़ने का कारण

जवाब – पहले कैंसर के मामले अमूमन 60 साल या उससे ज्यादा की उम्र में देखने में आते थे लेकिन कुछ समय से मैं खुद देख रही हूं कि 35 से 40 साल की उम्र वर्ग के लोगों में भी कैंसर तेजी से होने लगा है। इसमें कोई दो राय नहीं कि कैंसर के मामलों में इजाफा हुआ है। लेकिन सतर्कता से हम इसे हरा सकते हैं।

सवाल- किन तरीकों से कैंसर जैसी घातक बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है ?

जवाब – आज की तारीख में पेपस्मीयर HPA DNA जांच हर 5 साल में करवा सकते हैं, जिससे कि शरीर में होने वाले छोटे से छोटे बदलाव को भी बारीकी से देखा जा सकता है, ये जांच महंगी भी नहीं है, करीब 3 से लेकर 5 हजार तक में ये जांचें हो जाती है, और 5 साल में एक बार करवाना होती है। इसके अलावा VIA जांच जरीए भी हम कैंसर जैसे रोगों के बारे में जानकारी जुटा सकते हैं।

सवाल – महिलाओं में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी(चाहे ब्रेस्ट कैंसर हो या गर्भाशय का) से बचाव किस तरह किया जा सकता है?

जवाब – 30 साल की उम्र के बाद अपना रुटीन चेकअप करवाते रहें, हर पांच साल में एक बार जांच करवा लें उसके बाद अगर बीमारी सामने आती भी है तो उसे प्राथमिक तौर पर काबू पाया जा सकता है। कैंसर से बिना डरे पूरा मनोबल से इसका मुकाबला करना बेहद जरुरी है। रही बात इससे सरर्कता रखने की तो अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करें, योग-व्यायाम करें और अच्छा और हेल्दी खानपान रखें, फास्टफूड औऱ जंक फूड से दूरी बनाकर रखें।

सवाल- कया कैंसर जैसी बीमारी बढ़ने का कारण खराब लाइफ स्टाइल ही है, या फिर ये किस जेनेटिक रीजन से भी बढ़ता है ?

जवाब – खराब लाइफ स्टाइल के साथ साथ आज कल हम कुछ भी खाते हैं चाहे सब्जी हो फल हो या फिर कोई अन्य चीजें जिनका सेवन किया जाता है उन सभी में घातक फर्टिलाइजर औऱ केमिकल का उपयोग होता हैं। जिसके कारण कैंसर की संभावनाएं बढ़ जाती है। इसके लिए सरकार के स्तर पर निर्णय़ होने चाहिए कि फर्टिलाइजर का उपयोग कम हो और लोगों को भी कोशिश करना होगी, क्योंकि ये किसी एक के नहीं सभी के हित की बात है। रही बात जिनेटिक रीजन की तो 3 से 5 फीसदी तक मामले जिनेटिक रीजन के कारण आते हैं।

सवाल- जिनेटिकली होने वाले कैंसर के मामले की रोकथाम कैसे संभव है ?

जवाब – आज मेडिकल साइंस के पास गर्भाश्य के कैंसर से बचाव के लिए टीका है, इसके उपयोग से हम आने वाले समय में होने वाली गंभीर समस्या से पहले ही बचाव कर सकते हैं। इसके साथ ही साथ अगर किसी परिवार में पुरानी कैंसर की हिस्ट्री रही है तो जन जांचों के बारे में बताया गया है उन्हें करनाकर एहतियात बरती जा सकती है।

डॉक्टर नम्रता देश के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित संस्थान मेदांता समूह में अपनी सेवाएं दे रही है, महिला कैंसर रोग में विशेषज्ञता प्राप्त डॉक्टर नम्रता का अनुभव 35 वर्षों से ज्यादा है, उन्होंने देश विदेश के कई चर्चित संस्थानों और लोगों के साथ कार्य किया है। वे गायनिकोलॉजी ऑन्कोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया की सदस्य भी है, साथ  ही साथ वे इंदौर ऑब्स्ट्रेटिक एंड गायनिकोलॉजी सोसाइटी की भी सदस्य हैं। डॉ नम्रता को महिलाओं में होने वाले कैंसर जैसे- ब्रेस्ट, वेजाइना, सर्विक्स, यूट्रस और ओवरी कैंसर के इलाज में विशेषज्ञता हासिल हैं।  इसके साथ ही वे सभी तरह की महिला संबंधी रोगों के उपचार में भी विशेष योग्यता प्राप्त एक श्रेष्ठ डॉक्टर हैं।

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