20 साल पुरानी मशीन की मियांद खत्म होने की वजह से
इंदौर। एम वॉय हॉस्पिटल (MY Hospital) परिसर में मौजूद सरकारी कैंसर अस्प्ताल (Government Cancer Hospital) में 20 साल पुरानी ब्रेकिथेरेपी मशीन (Brachytherapy Machine) की मियाद खत्म हो जाने के कारण कैंसर के मरीजो का लगभग 2 साल से बिना ब्रेकिथेरेपी के इलाज किया जा रहा है । इस वजह से कैंसर मरीज को निजी अस्पतालों में महंगा इलाज कराना पड़ रहा है या फिर असहनीय दर्द से जूझते हुए अपनी मौत का इंतज़ार करना पड़ रहा है।
कैंसर के मरीजो के इलाज के ब्रेकिथेरेपी मशीन का इस्तेमाल किया जाता है । इस मशीन की कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये रुपये है। साल 2022 इसकी मियाद खत्म होने की वजह से यह मशीन बन्द पड़ी है। ब्रेकिथेरेपी ट्रीटमेंट मरीज के कैंसर वाले बॉडीपार्ट अथवा ऑर्गन के आसपास की स्वस्थ और सामान्य कोशिकाओं को होने वाले नुकसान को कम करते हुए कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में अधिक प्रभावशाली रहता है। नई ब्रेकिथरेपी मशीन के लिए अस्पताल द्वारा शासन प्रशासन को कई बार कहा जा चुका है मगर लगभग 26 माह बाद भी कोई सुनवाई नही है।
ब्रेकिथेरेपी कैसे दी जाती है मरीज को
ब्रैकीथेरेपी देने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर , जिसे रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट कहा जाता है, वह मरीज के कैसर ग्रस्त ट्यूमर पर या उसके पास रखने के लिए एक सुई या कैथेटर का उपयोग करता है। कुछ मामलों में, रेडियोधर्मी पदार्थ यानी रेडिएशन एलिमेंट्स इक्यूपमेंट शरीर के प्राइवेट पार्ट जैसे मलाशय, योनि या गर्भाशय में रखा जाता है । इस दौरान कैंसर के मरीज को बेहोश किया जाता है।
क्या है ब्रेकीथेरेपी ट्रीटमेंट
ब्रैकीथेरेपी एक प्रकार की इंटरनल रेडिएशन यानी आंतरिक विकिरण थेरेपी है जिसमें रेडिएशन रिबन या कैप्सूल को आपके शरीर में, ट्यूमर के अंदर या कर उसके पास रखा जाता है। ब्रैकीथेरेपी मरीज के शरीर के केवल बीमार अंग अथवा हिस्से का इलाज करता है। इसका उपयोग अक्सर सिर और गर्दन, स्तन, गर्भाशय ग्रीवा, प्रोस्टेट और आंख के कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है।
साल 2022 से ब्रेकिथेरेपी मशीन बन्द है नई मशीन के लिए सरकार को प्रपोजल बना कर भेज दिया है।
डॉक्टर रमेश आर्य कैंसर विशेषज्ञ
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