नई दिल्ली। वैसे तो दुनियाभर में कैंसर (Cancer) के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार बड़े शहरों के 10 में से 1 भारतीय को अपने जीवनकाल में कैंसर (Cancer) से संघर्ष करना पड़ेगा और 15 में से 1 की इससे मृत्यु हो जाएगी। भारत में कैंसर में तेजी से वृद्धि अधिक वजन, तंबाकू और शराब के सेवन, गतिहीन जीवनशैली और व्यायाम की कमी से जुड़ी है।
कैंसर रजिस्ट्री डेटा (Cancer Regestri Data) के अनुसार भारत में हर साल लगभग 8 लाख कैंसर के नए मामले होंगे। अगर लोग अपनी जीवनशैली में बदलाव करें और हानिकारक आदतों से दूर रहें तो ही कई तरह के कंैसरों से बचा जा सकता है। कैंसर विशेषज्ञों के अनुसार भारत में मुख्य रूप से टियर 2 और टियर 3 शहरों में कंैसर का इलाज विकसित हो रहा है। कैंसर की देखभाल में सटीक जांच और जल्द से जल्द इसका डायग्नोस करके इसकी रोकथाम को बढ़ावा देना सबसे अच्छा तरीका साबित हो सकता है। मरीज को ध्यान में रखते हुए रेडिएशनथैरेपी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ सटीक परिणाम पर जोर देने की आवश्यकता है।
60 की उम्र के बाद जागरूकता जरूरी
65-69 आयु वर्ग में कोलन कैंसर की सबसे अधिक घटना पाई जाती है, जो मानव शरीर में सबसे घातक कैंसरों में से एक है। इस कैंसर का अकसर देर से पता चलता है, जब कैंसर पहले से ही अन्य अंगों में फैल चुका होता है, जिससे प्रभावित लोगों के लिए कैंसर का निदान भारी और भयावह हो सकता है।
भारतीयों में होने वाले आम कैंसर
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